अगर CO देवेंद्र मिश्र की ये चिट्ठी पढ़ी जाती…
तो बच जाते 8 पुलिस जवान…
कानपुर/उत्तर प्रदेश बिठूर में हुए पुलिसकर्मियों के हत्याकांड के बाद भले ही यूपी पुलिस विकास दुबे की तलाश में धरती आसमान एक कर रही हो,लेकिन ये भी सच है कि विकास दुबे की दबंगई और पुलिसकर्मियों से उसकी मिलीभगत को अब तक जिले के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया था,एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा की मार्च महीने में लिखी गई चिट्ठी ये पूरी कहानी बता रही है।
CO ने SO चौबेपुर पर कार्रवाई के लिए लिखी थी चिट्ठी
बिल्हौर के थानाध्यक्ष शहीद देवेंद्र मिश्रा को चौबेपुर के निलंबित थाना प्रभारी विनय तिवारी के बारे में पहले ही सब कुछ पता चल गया था।हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर रेड के लिए तो पुलिस जुलाई में गई,लेकिन सीओ देवेंद्र मिश्रा ये पहले से ही जानते थे कि उसकी गुंडागर्दी पुलिस की शह पर चल रही है,उन्होंने बकायदा एसएसपी को चिट्ठी लिखकर ये बात बताई थी विकास दुबे से चौबेपुर एसओ के संबंध कितने दोस्ताना हैं।
शहीद CO की चिट्ठी पर ध्यान दिया होता तो नहीं आता ये दिन
शहीद CO देवेंद्र मिश्रा ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि आरोपी विकास दुबे के खिलाफ कानपुर और अन्य जिलों में भी 150 मुकदमे दर्ज हैं और उसके अपराध काफी संगीन हैं,उन्होंने चिट्ठी में साफ तौर पर ये बात लिखी है कि ‘कुख्यात अपराधी के विरुद्ध थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति बरतना व अबतक कार्यवाही न कराना विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा पूर्णत: संदिग्ध है,अन्य माध्यम से भी जानकारी हुई है कि विनय कुमार तिवारी का पूर्व से विकास दुबे के पास आना जाना व वार्ता करना बना हुआ था,यदि थानाध्यक्ष ने अपने कार्य प्रणाली में परिवर्तन न किया तो गंभीर घटना घटित हो सकती है।
चिट्ठी पर नहीं हुई कार्रवाई तो अंजाम हुआ इतना भयानक
शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा की बात पर अगर ध्यान दिया जाता और उनकी इस चिट्ठी पर अमल करते हुए चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर कार्रवाई होती तो शायद विकास दुबे के हौसले यूं बुलंद न होते, उन्होंने इस चिट्ठी में विनय तिवारी की कई कारगुजारियों का जिक्र किया है,जिस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया और इतनी दर्दनाक घटना में सीओ बिल्हौर को अपनी जान गंवानी पड़ी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…