*नगराम पुलिस पीड़ित को ही हवालात में डाला*?
दबंगों ने टैक्सी विक्रम तोड़ी की पिटाई नगराम पुलिस दबंगों के आगे नतमस्तक?
नगराम/लखनऊ डीजीपी ने अपना कार्यभार संभालते समय भले ही सूबे की पुलिस को सुधारने के दावे किये हों, लेकिन राजधानी पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। दबंगों के आगे नतमस्तक पुलिस गरीबों को तो थाने से ऐसे खदेड़ती है , कि उन्होंने ही सारा गुनाह कर दिया हो। ऐसा ही एक मामला नगराम थाना क्षेत्र का प्रकाश में आया है, जहां दबंगों ने एक गरीब परिवार के घर पहुंच गाली गलौज करने के साथ ही असहायों को लाठी डंडों से पीटते हुए जानलेवा हमला करने पर अमादा हो गये। इतना ही नहीं दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि गरीब परिवार के घर पर जीवन यापन करने के लिए विक्रम टैक्सी को अपना शिकार बनाया जिसे तोड़ फोड़ डाला , दबंगों पर आरोप है कि बैटरी सहित टैक्सी की स्टपनी ही उठा ले गए।
पीड़ितों का आरोप है जब वह शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनकी मदद के बजाय उन्हें खदेड़ कर भगा दिया। यही नहीं पीड़ितों का कहना है , कि विपक्षी वहां पहले से ही जा धमके थे। थाना प्रभारी नगराम ने आरोपी पक्ष की तरफ से मोटी रकम ले ली है, इसी के चलते वह कार्यवाई नहीं कर रहे हैं । वहीं इस मामले में थाना प्रभारी का कहना है कि मामला मारपीट व गाली गलौज का है रिपोर्ट दर्ज की गई है। जबकि पीड़ित इतने डरे हैं कि पुलिस की ऐसे बरताव से वह थाने जाने से घबरा रहे हैं।
थानाक्षेत्र के पतौना गांव में सुक्खा देवी अपने परिवार के साथ रहती हैं। पीड़ित के मुताबिक, बीते रविवार की रात करीब 9 बजे पुरानी रंजिश के चलते गांव के रहने वाले गुलवीर,छोटू, टीटू सहित लाला ने गाली देते हुए, हम सब से कहा कि तुम बहुत नबाव बनने लगे हो इस बात का जब मेरे बेटे हरीशंकर व बहू छोटे बेटे ने विरोध किया तो गुलवीर, छोटू, टीटू सहित लाला ने उसे गाली गलौज के साथ बेरहमी से पीटने लगे । जब सुक्खा देवी बचाव में पहुंची तो गुस्साए दबंगों ने लाठी डंडों से विक्रम टैक्सी पर हमला कर तोड़ दिया विक्रम टैक्सी दिहाड़ी पर चला रहे थे लाक डाउन के चलते घर पर खड़ी थी। इस दौरान दबंग विक्रम टैक्सी की बैटरी समेत स्टेपनी उठा ले गए। जिसकी सूचना पीड़ित ने नगराम थाने पहुंचकर लिखित सूचना पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने इस मामले में डीसीपी मोहनलालगंज पीड़ितों द्वारा गुहार लगाने के बाद दूसरे दिन रिपोर्ट दर्ज की है , रिपोर्ट भले ही दर्ज हो गई हो लेकिन दबंगों तक पुलिस आज भी नहीं पहुंच पाई है। वही पीड़ितों ने बताया कि सोमवार की शाम दबंग नशे में धुत होकर घर पहुंच गए। उधर उनके द्वारा पीड़ित को धमकी मिल रहीं हैं वह थाने जाने से डरते हैं।
बेलगाम हुए मातहत, कैसे रुकेगा अपराध
पुलिस अधिकारी महकमें के लोगों को आये दिन छोटे मामलों को थाना स्तर पर निपटाने के निर्देश देते हैं। साथ ही यह भी कहते हैं कि छोटे मामलों को थाना स्तर पर ही निपटा दें। लेकिन थानाध्यक्ष रुपयों के लालच में इस कदर बौराये हुए हैं कि उन्हें पीड़ितों की बिलकुल सुनना पसंद नहीं है। शायद यही बजह है कि जब छोटे मामले निपटाये नहीं जाते हैं तभी ये बड़ा रूप लेकर हत्या जैसी वारदात में बदल जाते हैं। मेडिकल कराने की बात कर पीड़ित को ही हवालात में डाल दिया गया। कुल मिलाकर जब मातहत ही बेलगाम हैं तो अपराध कैसे रुके।
संवाददाता अनुराग तिवारी की रिपोर्ट…