राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने प्रदेश सरकार कीश्रमिक विरोधी नीति को उजागर करते हुए कहा…
लखनऊ 07 मई। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने प्रदेश सरकार कीश्रमिक विरोधी नीति को उजागर करते हुए कहा कि प्रदेश में श्रम अधिनियम में छूट देने का तात्पर्य उद्योगपतियों के प्रति हमदर्दी का प्रदर्शन है।सरकार ने पहले हीश्रमिक वर्ग के प्रति उदासीन रवैया अपनाते हुएअन्य प्रदेशों में लाक डाउन के फलस्वरूप फँसे हुए लाखों मजदूरों को लाने में पैंतीस दिनों तक हीलाहवाली करने की दुःखद साजिश की परन्तु विपक्ष के साथ साथ आम जनमानस के भारी दबाव में सरकार को झुकना पड़ा।यद्यपि सरकार ने मजदूरों से किराया वसूल करके अपनी इच्छा पूरी कर ली।प्रदेश में बढ़ने वाली बेरोजगारी की भनक से अब सरकार ने उद्योगपतियों के पक्ष में श्रमिक अधिनियम में छूट की घोषणा कर दी जिसका परिणाम यह होगा कि किसी भी उद्योग के विरूद्ध लेबर डिपार्टमेंट इन्फोर्समेंट नियम के तहत कार्यवाही नहीं होगी और श्रम विभाग का प्रवर्तन दल उनके यहाँ नहीं जायेगा ।स्पष्ट है कि प्रत्येक स्तर पर उद्योगपतियों को मनमानी करने की छूट होगी।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इन मजदूरों को रोजगार देने के पक्ष में है तो उसे प्रदेश में बन्द पडे़ सैकड़ों उद्योगों को पुनः प्रारम्भ करना चाहिए जिसमें लखनऊ की विक्रम काटन मिल और पेपर मिल तथा कानपुर की जूटमिल, एल्गिन मिल, लाल इमली सहित अनेकों जनपदों में बन्द उद्योग धन्धे शामिल हैं जहाँ लाखों श्रमिकों को रोजगार मिल सकता है। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को इन उद्योगों को चालू करने के लिए स्थान और भवन पहले से ही है।इसके साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखकर कुटीर उद्योगों को शुरू करने के लिए सहायता देने की प्रक्रिया के लिए बैंकों को निर्देशित करना चाहिए।विगत वर्ष में सम्पन्न इन्वेस्टर्स समिट के साइन होने वाले ए.ओ.एम.यू के उद्योगपतियों पर भी सरकार को दबाव बनाना चाहिए ताकि शीघ्रता के साथ उद्योगों की स्थापना हो और बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट…