वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर देशभर में लागू नेशनल लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार हुए श्रमिकों के लिए खोली गयी सामुदायिक रसोई…
फर्रुखाबाद। वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर देशभर में लागू नेशनल लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार हुए श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों तथा छतविहीन लोगों के लिए जिले भर में खोली गयी सामुदायिक रसोईयों में दोनों वक्त लंच और डिनर छकना अपात्रों को भारी पड़ने बाला है। जिलाधिकारी ने यहां खाना खाने बालों का व्यौरा तलब किया है। यदि जांच में इनमें से कोई भी राशन कार्ड धारक निकला तो उससे दोनों वक्त मुफ्त में उड़ाये गये खाने की बसूली हो सकती है।
सदर नगर पालिका की ओर से ठंडी सड़क पर संचालित सामुदायिक रसोई का आज मंगलवार को औचक निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने यहां बन रहे खाने की गुणवत्ता जांची। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रसोई प्रभारी शरद वाजपेई को निर्देशित किया कि यहां खाना खाने आने बाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण बनायी गयी तरकारी के साथ गरम रोटी परोसी जाये। जिससे बदलते मौसम में यहां खाना खाने आने बालों की सेहत चंगी रह सके।
निरीक्षण के इसी क्रम में जिलाधिकारी ने रसोई प्रभारी वाजपेई से यहां खाना खाने आने बाले कुल लजोगों की जानकारी जुटायी। जिससे वैश्विक महामारी के कारण बेरोजगार हुए लोगों के लिए खोली गयी इस रसोई में दोनों वक्त मुफ्त का खाना छक रहे अपात्रों पर शिकंजा कसा जा सके।
जिलाधिकारी के इस मंसूवे से यह साफ हो गया है कि यदि इन रसोईयों में खाना खाने आने बाले शासन से मिलने बाले उचित दर के खाद्यान तथा प्रधानमंत्री गरीे कल्याण अन्न योजना के लाभार्थी निकले तो ऐसे लोगों पर प्रशासन का डंडा चल सकता है।
यह सख्ती इसलिए की जा रही है जिससे अधिक से अधिक पात्र लोगों तक शासन के निर्देश पर इन रसोईयों में दोनों वक्त बनाया जा रहा खाना पहुंचाया जा सके। सूत्रों कीमानें तो जिलाधिकारी को जानकारी मिली है कि सदर नगर पालिका की इस रसोई में शहर के दक्षिणी छोर पर आवाद कई गांवों के अपा
पत्रकार राहुल सिंह चौहान की रिपोर्ट…