कोरोना को हराने के बाद दुनिया कैसी होगी…. ?

कोरोना को हराने के बाद दुनिया कैसी होगी…. ?

प्रधानमंत्री ने AEIOU शब्‍दों के आधार पर कहा कि इन शब्दों से जुड़े अर्थों का विरोध महत्व होगा…

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को शिकस्‍त देने के बाद दुनिया कैसी होगी ? कामकाज के तौर-तरीकों कैसे होंगे ? लोगों की जीवनशैली में क्‍या बदलाव आएंगे ? ये सभी सवाल हम लोगों के जेहन में स्‍वाभाविक रूप से उठ रहे हैं। इन सवालों का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनोखे अंदाज में दिया है। उन्‍होंने अंग्रेजी के वॉवेल शब्‍दों यानी ‘AEIOU’ के जरिये इन विषयों पर अपने विचार प्रोफेशनल लोगों की सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट LinkedIn पर शेयर किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भी बदलाव के अनुरूप ढाल रहे हैं। उन्‍होने कहा कि कोरोना के बाद नया बिजनेस और वर्क कल्‍चर AEIOU के मुताबिक पुनपर्रिभाषित होगा।
उन्‍होने ट्वीट कर कहा, ‘जहां दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है, वहीं भारत के ऊर्जावान और नए विचारों से लबरेज युवा स्‍वस्‍थ और समृद्ध भविष्‍य का रास्‍ता दिखा सकते हैं। इस संबंध में @LinkedIn पर कुछ विचार साझा किए हैं जोकि युवाओं और पेशेवरों के लिए उपयोगी हैं.” पीएम मोदी की इस पोस्‍ट का शीर्षक है- ”Life in the era of COVID-19.” प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह अंग्रेजी के शब्‍दों में वॉवेल AEIOU का खास महत्‍व होता है, इसी तरह कोरोना के बाद की जिंदगी में इन शब्‍दों के जुड़े अर्थों का विशेष महत्‍व होगा। अनुकूलता (A-Adaptability) समय की मांग है कि ऐसे बिजनेस और लाइफ स्‍टाइल मॉडल को अपनाया जाए जिनके साथ आसानी से तारतम्‍य बैठाया जा सके, ऐसा करके हम अपने बिजनेस को भी सुरक्षित रख सकेंगे और जिंदगियों को भी संकट की इस घड़ी में बचा सकेंगे।
उन्होने कहा कि डिजिटल पेमेंट इस कड़ी में उत्‍तम उदाहरण हो सकता है। बड़े या छोटे दुकानदारों को डिजिटल टूल्‍स में निवेश करना चाहिए। इससे व्‍यापार करने में बाधा नहीं आएगी। भारत में पहले से ही डिजिटल ट्रांजैक्‍शन में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसी तरहटेलीमेडिसिन का भी उदाहरण ले सकते हैं। इसमें बिना क्लिनिक या अस्‍पताल जाए हम डॉक्‍टर से परामर्श ले सकते हैं, ये भी भविष्‍य के लिए अच्‍छा संकेत है।

“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, ,