10 या उससे अधिक कोरोना पाॅजिटिव केसेज वाले जनपदों में लाॅक डाउन व्यवस्था को पूरी तरह जारी रखने के निर्देश…
लखनऊ 20 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 10 या उससे अधिक कोरोना पाॅजिटिव केसेज वाले जनपदों में लाॅक डाउन व्यवस्था को पूरी तरह जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को नियन्त्रित करने के लिए लाॅक डाउन के नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन आवश्यक है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅक डाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि कोटा, राजस्थान से प्रदेश वापस लौटे सभी बच्चों को होम क्वारंटीन में रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन बच्चों द्वारा ‘आरोग्य सेतु’ एप डाउनलोड करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में सुरक्षा चक्र न टूटने पाए इसके लिए पूरी सतर्कता बरतना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस बल तथा पूरी मेडिकल टीम को हर हाल में संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस कर्मी सुरक्षा के उपकरण लगाकर ही ड्यूटी पर ही जाएं। मास्क, दस्ताने तथा शील्ड का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें। कोविड-19 के रोगियों के उपचार में लगे डाॅक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों को प्रत्येक दशा में संक्रमण से बचाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन राजकीय मेडिकल काॅलेजों में कोविड-19 के सैम्पल की टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए। राजकीय मेडिकल काॅलेज विहीन मण्डल मुख्यालय के जिला चिकित्सालय में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए। चिकित्सा कर्मियों के कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं अस्पतालों में संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय करते हुए इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से आम जनता को भी उपचार की प्राथमिक विधि के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डोर स्टेप डिलीवरी में लगे लोगों की भी जांच की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह लोग मास्क आदि लगाकर सामग्री की आपूर्ति करें। बाहर से आने वालों को हर हाल में क्वारंटीन किया जाए। अधिक से अधिक लोगों को ट्रैक करते हुए टेस्टिंग की जाए। कोरोना संदिग्ध लोगों की अनिवार्य रूप से टेस्टिंग करायी जाए। पूल टेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस पहुंचे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक आज ही आहूत की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि समिति इस सम्बन्ध में एक कार्य योजना तत्काल प्रस्तुत करे। यह समिति राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा मनरेगा योजना के माध्यम से रोजगार सृजन की सम्भावनाओं पर भी विचार विमर्श करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कतिपय उद्योगों कोे संचालित किए जाने की सशर्त अनुमति दी गयी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। सोशल डिस्टंेसिंग के मानकों का अनुपालन हर हाल में हो। कार्य योजना बनाकर एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को निर्देशित किया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहकर लोगों की समस्याओं को सुनें तथा उनका समाधान कराएं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,