*जाने-माने उद्योगपति श्री नारायण मूर्ति एवं सुधा मूर्ति ने गरीबों/जरूरतमंदों की मदद को बढ़ाए हाथ…..*
*उद्योगपति श्री नारायण मूर्ति व उनकी पत्नी सुधा मूर्ति* 👆
*रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ के लिए दी 20 हजार किट भोजन सामग्री*
*”फीडिंग इंडिया” व “इस्कान” ने भी राशनिंग किट वितरित की, राजनाथ सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया*
*लखनऊ।* रक्षा मंत्री/लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र के लिए जाने-माने उद्योगपति श्री नारायण कृष्ण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने 20,000 किट भोजन सामग्री उपलब्ध कराई है। इंफोसिस के संस्थापक, देश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के जनक और आम भारतीय के अंदर विशेषता उत्पन्न करने वाले श्री नारायण कृष्णमूर्ति एवं उनकी पत्नी सुधा कृष्णमूर्ति ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को 20,000 किट भोजन सामग्री लखनऊ संसदीय क्षेत्र के लिए उपलब्ध कराई है, जिसकी एक किट में इतना राशन होगा कि एक परिवार को 21 दिन तक भोजन की पूर्ति हो सकेगी।
भाजपा के लखनऊ महानगर के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रक्षा मंत्री होने के कारण राजनाथ सिंह के ऊपर पूरे देश की जिम्मेदारी है, उसके बावजूद वह हमेशा अपने संसदीय क्षेत्र को नहीं भूलते हैं और यह सुनिश्चित करने में लगे रहते हैं कि एक भी लखनऊवासी भूखा न सोए। हर मनुष्य में ईश्वर देखना पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का मूल दर्शन था और आज के इस कठिन समय में भाजपा का हर कार्यकर्ता उनके दर्शन को जमीन पर उतार रहा है।
महानगर महामंत्री पुष्कर शुक्ला ने बताया कि राजनाथ सिंह जी ने अपने प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी, जयपाल सिंह एवं महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा के माध्यम से नगर निगम के 8 जोनों में चल रहे प्रत्येक सामुदायिक किचन को 10-10 कुंतल भोजन सामग्री जिसमें 5 कुंतल चावल एवं 5 कुंतल आटा है, कुल 80 कुंतल भोजन सामग्री नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी को उपलब्ध कराई है। उन्होने कहा कि एक सांसद का दायित्व और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी के बीच अद्भुत संतुलन स्थापित करने वाले राजनाथ सिंह को लखनऊवासी भूल नहीं पाएंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवाहन पर जोमैटो की गैर सरकारी संगठन फीडिंग इंडिया और इस्कान ने भी राशनिंग किट लखनऊ में कई जगहों में वितरित कराए थे, इस सहयोग के लिए राजनाथ सिंह ने इन संगठनों का आभार व्यक्त किया है।
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*