कपड़ा फैक्ट्री मजदूरों द्वारा पथराव व आगजनी किए जाने के बाद आरएएफ तैनात…

*कपड़ा फैक्ट्री मजदूरों द्वारा पथराव व आगजनी किए जाने के बाद आरएएफ तैनात*

*न वेतन न ही सही ढंग से खाना मिल रहा है ! मजदूरों के धैर्य ने दिया जवाब-भारी रोष*

*नौ राज्यों द्वारा लाॅकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने की केंद्र से मांग…..*

*लखनऊ/अहमदाबाद।* गुजरात के सूरत में कपड़ा फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा कल बड़े पैमाने पर सड़क पर निकल आने, हंगामा, पथराव और आगजनी किए जाने के बाद मजदूरों में व्याप्त भारी रोष को देखते हुए आज सूरत में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया है।
कपड़ा फैक्ट्री मजदूरों का कहना है कि न तो लाॅकडाउन में हमें वेतन दिया जा रहा है और न ही पर्याप्त ढंग से खाना तक मिल पा रहा है। मजदूर इतने गुस्से में हैं कि वे कह रहे हैं कि भूखे रहने से अच्छा है हम करोना से मर जाए। बड़ी संख्या में मजदूरों ने आज सुबह मीडिया के सामने आकर कहा कि यहां हम भूखे रहने को मजबूर हैं और उधर हमारे घर वाले भी पाई-पाई को तरस रहे हैं। बताते चलें कि कल इन मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया था और वे सड़क पर निकल आए थे तथा 5 गाड़ियां फूंक दी थी और पथराव करने के साथ भारी हंगामा किया था।
लाॅकडाउन में अभी तीन दिन बांकी है, जबकि हालात को देखते हुए लाॅकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी जारी रहने की संभावना है। इस बीच नौ राज्यों ने केंद्र सरकार से लाॅकडाउन की अवधि बढ़ाने की मांग की है। उधर गुजरात की राजधानी अहमदाबाद एवं सूरत शहर में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अकेले अहमदाबाद में कल 70 नए मामले सामने आए। सूरत में कल रात हुई हिंसा के संबंध में पुलिस ने करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया है, हिरासत में लिये गए अधिकांश मजदूर ओडिशा से हैं। बंद की वजह से सूरत में सैकड़ों प्रवासी कामगार फंस गए हैं। एसीपी सीके पटेल के अनुसार “सैकड़ों मजदूर यह मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए कि उन्हें घर भेजा जाना चाहिए। मजदूरों का कहना है कि गैर सरकारी संगठन द्वारा उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा खाना बेस्वाद है और पर्याप्त मात्रा में खाना मिल भी नहीं रहा है।
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*