मुसलमानों ने लाॅकडाउन का पालन करते हुए शब-ए-बारात पर घरों में ही की इबादत…

मुसलमानों ने लाॅकडाउन का पालन करते हुए शब-ए-बारात पर घरों में ही की इबादत…

मुस्लिमों ने जुमे के बाद दी अपने पुरखों की कब्रों पर न जाने की कुर्बानी…

कोरोना से निजात एवं मुल्क़ में अमन चैन की अल्लाह से मांगी दुआएं…

लखनऊ।9 अप्रैल।इस्लामी कैलेण्डर के आठवें महीने की 14 शाबान को मनाये जाने वाले शब-ए-बारात त्योहार के मौके पर पूरी तरह मुस्लिम घरों में मोमबत्तियाँ जलाकर ख़ास रौशनी की गई।लाॅकडाउन के चलते इस मौके पर हर साल की तरह इस बार हज़ारों बूढ़े,बच्चों और नौजवानों ने अपने-अपने पुरखों की कब्रों पर हाज़िरी न देकर घरों में ही उनके लिए फातिहा पढ़ी साथ ही इस मौके पर तमाम मुसलमानों ने गरीबों को खाना भी खिलाया।शब-ए-कद्र की रात होने की वजह से इस दौरान रात भर मुस्लिम घरों से कुरआन पढ़ने की सदाएं गूंजती रही।मुसलमानों ने अपने-अपने घरों में रहकर
नमाज़,कुरआन,ज़िक्र तस्बीह का एहतिमाम किया।साथ ही खुदा से लौ लगाते हुए पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस जैसी महामारी के खातमे,मुल्क़ में अमन चैन क़ायम रहने,खुशहाली और अपने मरहूमीन के साथ ही अपने लिए दुआ-ए-मगफिरत मांगी।गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन किया गया है।लाॅकडाउन का मक़सद सोशल डिस्टेंसिंग को बनाएं रखना है,जिससे यह महामारी तेज़ी फैल न सकें और लोगों को इससे बचाया जा सकें।ऐसे में मुसलमानों के शब-ए-बारात त्योहार को देखते हुए लखनऊ के सभी शिया,सुन्नी धर्मगुरू एवं जिला प्रशासन की ओर से तमाम मुसलमानों से शब-ए-बारात के मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं रखने के लिए अपने-अपने घरों में रहकर इबादत करने और कब्रिस्तान और दरगाहों न जाने की अपील की गई थी। आपको बता दे लाॅकडाउन के कारण शहर की तमाम मस्जिदों और दरगाहों पर पहले से ताले लगे हैं साथ अब शब-ए-बारात के मौके पर कब्रिस्तानों को भी बंद रखा गया।

ज़ाहिद अली पत्रकार