शबे बारात कल, कब्रिस्तानों के बाहर लगाए गए पोस्टर…
इटावा- शबे बारात 9 अप्रैल को है। इसी को लेकर शहर के कई कब्रिस्तान के बाहर पोस्टर लगाये गये। लॉकडाउन के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों से कई उलेमाओं, इमामो व समुदाय के संभ्रांत लोगों ने कब्रिस्तान न आने की अपील की। शबे कदर की रात कब्रिस्तान में जाकर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घर के मरहूम लोगों के लिए दुआएं मगफिरत करते है। जिसको लेकर इसबार लॉकडाउन के चलते कब्रिस्तान न जाने की अपील की गई। साथ ही डा. मुहम्मद शोएब चिश्ती, हाफिज मुहम्मद अहमद चिश्ती ने उन लोगों से अपील की जो बाहर अगर किसी जमात से लौट कर आया है तो वह प्रशासन का सहयोग करें और आगे आकर अपना चेकअप कराये। सभी देशवासी लोकडाउन का पालन करें।
मरकजी रुयत हिलाल कमेटी के जनरल सेक्रेटरी व मदरसा अरबिया कुरानिया के प्रधानाचार्य मौलाना तारिक शम्सी ने बताया कि इस्लामी तालीमात के मुताबिक शबे बारात की रात बहुत बरकत वाली है। अल्लाह तआला इस रात में दुनिया वालों के लिए निजात के फैसले करता है। शाबान की पंद्रहवीं रात में व्यक्तिगत इबादत करना इस्लामी शिक्षाओं के मुताबिक है। अल्लाह के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से इस रात में कब्रिस्तान जाना साबित है। लेकिन इस रात में कब्रिस्तान जाना जरूरी नहीं है। इन दिनों महामारी के प्रकोप के कारण लॉकडाउन है। इसलिए शबे बराअत को कब्रिस्तान जाने की कोशिश न करें और मस्जिदों में सामूहिक रूप से इबादत न करें, बल्कि, अपने घरों में रहें और अपने तौर पर अकेले-अकेले नफिल नमाजों की अदाएगी, कुरान करीम की तिलावत, दुरूद ए पाक, मसनून जिक्र और दुआओं का एहतेमाम करें। अपने बुजुर्गों व मरहूमीन के लिए अपने अपने घरों से ही इसाले सवाब और मगफिरत की दुआ करें। सदका व खैरात दिल खोलकर निकालें, सदका बुलाओ को टालता है। अपने अल्लाह को राजी करने की कोशिश करें व खासतौर से यह दुआ भी करें कि अल्लाह तआला इस बला, वबा और बीमारी से हमारे मुल्क को निजात दे और रमजान के आने से पहले यह महामारी खत्म हो जाए। रमजान का मुबारक महीना 25 या 26 अप्रैल से शुरू हो रहा है, अल्लाह तआला हमें रमजान की बरकतों से नवाजे।
पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…