एमवीएन विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए अपनी प्रयोगशाला के अंदर हैंड सैनिटाइजर बनाए…
एमवीएन विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए अनूठी पहल करते हुए अपनी प्रयोगशाला के अंदर विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं बाबा रामदेव द्वारा बताए गए सूत्रों के अनुसार हैंड सैनिटाइजर बनाए| विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गए हैंड सैनिटाइजर में आइसोप्रोपिल एल्कोहल, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, ग्लिसरोल एवं आसुत जल का प्रयोग किया गया| पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव द्वारा सुझाए गए हर्बल हैंड सैनिटाइजर में नीम के पत्ते, तुलसी के पत्ते, लेमन ग्रास, एलोवेरा, कपूर, फिटकरी का प्रयोग किया गया| इसे बनाने के पश्चात बोतलों में भरकर विश्वविद्यालय के सभी विभागों में बाटा गया ताकि सभी कर्मचारियों को कोरोना के प्रकोप से बचाया जा सके| विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ तरुण विरमानी से वार्तालाप पर उन्होंने कहा है की इस कार्य को हम केवल विश्वविद्यालय तक ही सीमित नहीं रखेंगे बल्कि आसपास के गांवों के लोगों को भी ये हैंड सैनिटाइजर दिए जाएंगे ताकि उन्हें भी इस भयानक बीमारी से बचाया जा सके| विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जेवी देसाई, कुलसचिव डॉ राजीव रतन, डीन अकादमिक डॉ सचिन गुप्ता, सांस्कृतिक गतिविधियों के समन्वयक डॉ राहुल वार्ष्णेय एवं अकादमिक समन्वयक देवेश भटनागर ने फार्मेसी विभाग की पूरी टीम की जमकर प्रशंसा की एवं कहा कि फार्मेसी विभाग हमें हमेशा गर्वित महसूस कराता है| और यह भी कहा कि इस बीमारी से निपटने के लिए हम सरकार के साथ है एवं इसके लिए अथक प्रयास किए जाएंगे और जिस चीज की जरूरत होगी हम मुहैया कराएंगे| इन हैंड सेनीटाइजर को सफलतापूर्वक बनाने का श्रेय रेशु विरमानी, गीता मेहलावत, गिरीश कुमार, मोहित संदूजा, मोहित मंगला, उमाकांत, साहिल शर्मा, अश्वनी शर्मा, अनुभव, अंजली शर्मा, अश्वनी, त्रिलोक चंद, हरपाल, राजेश, योगेश, विनोद शर्मा, सोनू शर्मा को जाता है|
ह्रदय सिंह की रिपोर्ट…