कुछ इस तरह शरीर में फैलता है कोरोनावायरस, पढ़ेंं पूरी खबर…
मार्च शनिवार 14-3-2020 दुनियाभर में वैश्विक माहामारी घोषित हो चुका कोरोनावायरस इस वक्त हर किसी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इस वायरस से दुनियाभर में अब तक 4000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। दिसंबर में चाइना से शुरू हुआ ये वायरस अब लगभग हर देश में लाखों लोगों में फैल चुका है, इसका अभी तक कोई इलाज इजात नहीं हो पाया है। इस वायरस से निपटने के तरीकों में सभी वैज्ञानिक लगे हैं। अब तक इस संक्रमण का एक ही इलाज है, वो है इसको फैलने से रोकना। जिसके चलते स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और कोई भी जगह जहां ज्यादा लोग इकठ्ठा हों, उसे बंद करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। देश और कई बड़े शहरों से हर दिन कुछ न कुछ इस वायरस को लेकर सुनने में आ रहा है।
दिन प्रति-दिन इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में भी इज़ाफा हो रहा है। लोगों को मास्क लगाने, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने, लोगों से हाथ न मिलाने और लगातार हाथों को धुलने की सलाह दी जा रही है। दुनिया में कोरोनावायरस की चपेट में अब तक 134,679 से भी ज्यादा लोग आ चुके हैं।
WHO इस वायरस के मिथकों को तोड़ने के लिए भी कई निर्देश जारी कर रहा है। इसी बीच रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने कोरोनावायरस से प्रभावित फेफड़े की 3D तस्वीर जारी की है। रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ की ओर से एक वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के फेफड़े की स्थिति को देखा जा सकता है। कोरोना के वायरस मानव शरीर में सबसे पहले श्वसन तंत्र को ही संक्रमित करते हैं। जिसमें फेफड़े का संक्रमण पहला स्टेज है। इस 3D इमेज से डॉक्टर मरीज़ एक्स-रे और सीटी स्कैन से उसके संक्रमण की पहचान आसानी से कर पाएंगे।
Covid-19 बहुत घातक नहीं है, लेकिन यह एक संक्रामण है। जैसे-जैसे यह अधिक लोगों को संक्रमित करेगा, उतनी ही बड़ी संख्या में लोग मरते रहेंगे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की पूर्व प्रमुख डॉ शोभा ब्रोर की मानें अभी तक लोगों को या वैज्ञानिकों को इसका असली कारण भी नहीं पता चल पाया है। अभी सब यही समझते हैं कि यह श्वसन प्रणाली से गैस्ट्रो-आंत्र पथ तक रक्त में जाता है, जिससे यह हमारे खून हमारे शरीर के कई अंगों पर प्रभाव डालता है, जिससे मौत हो सकती है।
वुहान ‘Lancet’ में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, 191 रोगियों में रोग में इसके बढ़ने के विश्लेषण ये यह पता चलता है कि Sars-Cov-2 वायरस गले के पीछे से फेफड़ों और फिर रक्त में जाता है। इस इमेज की मदद से इस वायरस के ट्रैक को समझाया गया कि आखिर किस तरह से यह संक्रमित व्यक्ति को प्रभावित करता है।
कोरोनावायरस ट्रैकिंग कुछ इस प्रकार है:-
1. इस वायरस के शुरू होने पर 1-3 दिन में व्यक्ति इसके संपर्क में आता है। यह ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे हल्का बुखार जैसा महसूस होता है। बढ़ते हुए यह तीसरे दिन तक खांसी और गले में खराश की समस्या पैदा करता है। दुनिया भर मेंअभी तक लगभग 80 प्रतिशत लोगों में यह
लक्षण काफी देखने को मिलेंगे।
2. 3-4 दिन में यह संक्रमण हमारे फेफड़ों तक जा पहुंचता है। जिसकी वजह से 4 से 9 दिन तक सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगती है। 14 प्रतिशत लोगों में यह लक्षण पाए गए हैं।
3. फेफड़ों के संक्रमण से यह हमारे खून में मिल जाता है। जिसके बाद यह व्यक्ति को इस कदर कमज़ोर कर देता है कि उसके जीने की संभावना काफी मक होती है। 5 प्रतिशत लोग जो कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, वह ICU में हैं।
चीन में जिनिन्टन और वुहान पल्मोनरी हॉस्पिटल्स के 191 वयस्कों के हालिया अध्ययन से पता चलता है कि 48 प्रतिशत की co-morbid स्थिति थी – 30 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप काफी आम रहा, इसके बाद 19 प्रतिशत मधुमेह और कोरोनरी हृदय रोग के 8 प्रतिशत संख्या रही।
आपको बता दें कि सरकार ने केंद्रीय स्तर पर
011-23978046 फोन नंबर पर हेल्पलाइन बनाई है। वहीं दिल्ली सरकार ने नंबर 011-22307145 को हेल्पलाइन जारी की है। 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी हेल्प लाइन जारी की गई है। लोगों को जागरूक करने के लिए फोन करने पर Ring Bell से पहले कोरोनावायरस से बचने और इसको लेकर जारी हुई हेल्पलाइन की जानकारी दी जा रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…