दिल्ली में हिंसा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई: अमित शाह…
लोकसभा में आज दिल्ली हिंसा पर हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘दिल्ली हिंसा में जान गंवाने वालों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं. 25 फरवरी रात 12 बजे के बाद दिल्ली में हिंसा नहीं हुई. भावनाओं को ध्यान में रखते हुए होली के बाद सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की गई.’
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में हिंसा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई…
इससे पहले नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने भड़काऊ बयान देने वाले लोगों पर जमकर निशाना साधा. मीनाश्री लेखी ने लोकसभा में कांग्रेस द्वारा बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर भड़काऊ बयान देने के आरोपों पर बोलते हुए कहा कि केवल कपिल मिश्रा ने भड़काऊ बयान नहीं दिए हैं. कांग्रेस के नेताओं ने भी अपने बयानों से लोगों को उकसाया है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भड़काऊ बयान दिए हैं.
उन्होंने कहा, ‘कपिल मिश्रा पर आरोप लगाने वाले अमानतुल्ला और शरजिल को भूले. सिर्फ कपिल मिश्रा पर ही आरोप क्यों लग रहे हैं. सोनिया गांधी ने नागरिकता कानून को लेकर दिए अपने बयान में आर पार की बात कही थी. वारिस पठान और उमर खालिद ने भी भड़काऊ बयान दिया था. अमानतुल्ला के बयानों पर सवाल क्यों नहीं होते? एनएसए होने के नाते अजित डोभाल हिंसा प्रभावित इलाकों में गए थे.’
मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘लोग टूट जाते हैं घर बनाने को और तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने को. कुछ लोगों के पास चीजों को स्थापित करने का इतिहास है. मेरे पास डेटा है जो दिखाता है कि देश में जब भी हिंसा की घटनाएं हुईं, उसका कौन जिम्मेदार था?
बीजेपी सांसद ने कहा कि दिल्ली हिंसा के पीछे पीएफआई और आईएसआईएस पर भी शक. ईडी ने पीएफआई सदस्य मोहम्मद दानिश समेत 2 लोगों पर केस दर्ज किया.
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…