नये कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मप्र में पांच लाख गाड़ियों के चक्के थमे…
इंदौर, 02 जनवरी। नये कानून में ”हिट एंड रन” के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ चालकों की हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में करीब पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियों के चक्के थम गए हैं जिससे आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। उद्योग जगत के लोगों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने बताया, ”नये कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्यप्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं।” उन्होंने मांग की कि सरकार को ”हिट एंड रन” के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए।
भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।
कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि अगर चालकों की हड़ताल जारी रही, तो आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति की स्थिति और बिगड़ेगी जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को ”हिट एंड रन” के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर एक बार फिर विचार करना चाहिए।
चालकों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य के सबसे बड़े शहर इंदौर में सोमवार को पेट्रोल पंपों पर लोगों की लम्बी कतारें नजर आई थीं। इसके बाद हरकत में आया प्रशासन तेल विपणन कंपनियों के डिपो से पेट्रोल पंपों तक टैंकरों का नियमित परिचालन बहाल करके ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति बरकरार रखने के प्रयासों में जुटा है।
जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने कहा कि जिले में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इन ईंधनों की सतत आपूर्ति की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि चालकों की हड़ताल से इंदौर में लोक परिवहन साधनों के साथ ही शहर से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…