रिजर्व बैंक ने आईएमएफ से कहा, विनिमय बाजार में हस्तक्षेप उतार-चढ़ाव रोकने के लिए किया…
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की विनिमय दर व्यवस्था को ‘पुनर्वर्गीकृत’ करने के अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार हस्तक्षेप का मकसद अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकना है।
आईएमएफ ने भारतीय अधिकारियों के साथ अनुच्छेद-चार के परामर्श के बाद दिसंबर, 2022 से अक्टूबर, 2023 के बीच की अवधि के लिए विनिमय दर व्यवस्था की स्थिति को ‘फ्लोटिंग’ से ‘स्थिर व्यवस्था’ में पुनर्वर्गीकृत किया।
आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक के वी सुब्रमण्यन और वरिष्ठ सलाहकार संजय कुमार हंसदा और आनंद सिंह ने विश्लेषण के लिए आईएमएफ द्वारा अपनाई गई चयन की अवधि और देश की विनिमय दर व्यवस्था के पुनर्वर्गीकरण पर भी सवाल उठाया है।
उन्होंने रिपोर्ट के साथ संलग्न बयान में कहा, ”आईएमएफ के कर्मचारियों द्वारा भारत की विनिमय दर को ‘स्थिर व्यवस्था’ के रूप में वर्णित करना गलत है और यह वास्तविकता से दूर है। पूर्व की तरह विनिमय दर में लचीलापन बाहरी झटकों से बचाव का पहला माध्यम बना रहेगा। विनिमय बाजार में हस्तक्षेप सिर्फ बाजार में ‘अव्यवस्था’ को दूर करने के लिए किया गया है।
आईएमएफ द्वारा अनुच्छेद चार परामर्श रिपोर्ट किसी देश की वर्तमान और मध्यम अवधि की आर्थिक नीतियों और दृष्टिकोण की समीक्षा करती है।
रुपये की विनिमय दर अंतरबैंक बाजार में निर्धारित होती है, जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अक्सर हस्तक्षेप करता है। आरबीआई का घोषित हस्तक्षेप उद्देश्य अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाना है।
दिसंबर, 2022 और अक्टूबर, 2023 के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का कारोबार 80.88-83.42 के दायरे में हुआ। अक्टूबर के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता और कम हो गई और यह 82.90-83.42 के दायरे में आ गया।
रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि वे वित्तीय स्थिरता के लिए उतार-चढ़ाव को सीमित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें रुपये के स्तर को लेकर कोई विचार शामिल नहीं है।
इसके अलावा रिजर्व बैंक का मानना है कि 2023 में विनिमय दर में स्थिरता देश की मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद को दर्शाती है। खासकर चालू खाते के घाटे या कैड में कमी आई है और विदेशी मुद्रा भंडार की संतोषजनक स्थिति की वजह से पूंजी प्रवाह की स्थिति में सुधार हुआ है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…