हमारी योजना दक्षिण अफ्रीका को 400 के अंदर रोकने की थी: अर्शदीप….
जोहानिसबर्ग, 18 दिसंबर । भारत के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने रविवार को बताया कि वह और उनके साथी तेज गेंदबाज आवेश खान वास्तव में इस बात की योजना बना रहे थे कि ‘बेहद आक्रामक दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी इकाई’ को 400 रन के अंदर कैसे रोका जाए।
अर्शदीप और आवेश ने हालांकि पहले वनडे में आपस में नौ विकेट साझाकर दक्षिण अफ्रीका की पारी को महज 116 रन पर समेट दिया। यह एकदिवसीय में घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका का सबसे छोटा स्कोर है।
अपने वनडे करियर में पहली बार पांच विकेट चटकाकर मैन ऑफ द मैच बने अर्शदीप ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अक्षर (पटेल), आवेश और मैं कल रात खाने पर चर्चा कर रहे थे कि जब दक्षिण अफ्रीका की टीम गुलाबी जर्सी पहनती हैं तो वे कितने आक्रामक होते हैं, वे कैसे छक्के लगाते हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम बस उन्हें 400 रन के अंदर रोकने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन जब हमने पिच से मदद और और थोड़ी नमी देखी तो हमने चीजों को सरल रखने की कोशिश की। इससे नतीजे हमारे पक्ष में रहे। इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैंने शुरुआती विकेट हासिल कर लिया। इसका श्रेय आवेश को भी जाता है, क्योंकि उन्होंने भी विकेट लेकर मुझ पर से दबाव हटाया।”
दक्षिण अफ्रीका की पारी को 27.3 ओवर में 116 रन पर समेटने के बाद भारत ने 200 गेंद शेष रहते दो विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। इस जीत से भारतीय टीम ने तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली।
दक्षिण अफ्रीका की टीम ने स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए गुलाबी जर्सी पहनी थी। टीम ने पहले भी कई बार ऐसा किया है। दक्षिण अफ्रीका ने गुलाबी जर्सी में 11 में से नौ मैचों में जीत दर्ज की है।
टीम ने 2015 में इसी स्थल पर गुलाबी जर्सी में वेस्टइंडीज के खिलाफ दो विकेट पर 439 रन बनाने के बाद 148 रन से जीत दर्ज की थी। इस मैच में एबी डिविलियर्स ने 31 गेंद में शतक लगाया था। उन्होंने तब नाबाद 149 रन की पारी खेली थी।
इससे पहले अपने तीन वनडे मैचों में एक भी विकेट लेने में विफल रहे अर्शदीप ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मैं इस प्रदर्शन को काफी ऊपर रखूंगा। एकदिवसीय में इससे पहले मैंने कोई विकेट नहीं लिया था और सीधे पांच विकेट मिलने से शुक्रगुजार हूं।” उन्होंने कहा कि काउंटी क्रिकेट खेलने से उन्हें फायदा हुआ। इससे उन्हें अतिरिक्त आत्मविश्वास मिला।
अर्शदीप ने कहा, ‘‘काउंटी में मुझे ज्यादा सफलता (विकेट) नहीं मिली थी। इससे मुझे अपने खेल को समझने में मदद मिली कि मैं बल्लेबाजों को कैसे रोक सकता हूं।” उन्होंने कहा, ”मैंने सीखा है कि कैसे उबरना है, कैसे प्रशिक्षण लेना है, अपनी फिटनेस कैसे बनाए रखनी है। काउंटी खेलने से मुझे काफी मदद मिली। यह आपको अतिरिक्त आत्मविश्वास देता है।”
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…