अवैध संबंध के चलते पत्नी के प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर उतार दिया अपने पति को मौत के घाट

*अवैध संबंध के चलते पत्नी के प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर उतार दिया अपने पति को मौत के घाट*

*खाड़ी में मिली लाश की गुत्थी सुलझी…..*

*पत्नी सहित प्रेमी और उसके दो साथी गिरफ्तार……*

*मार्च सोमवार 9-3-2020*

गत १३ फरवरी को नवी मुंबई के एनआरआई पुलिस को समुद्री खाड़ी में एक अज्ञात पुरुष की लाश मिली थी. प्राथमिक आंकलन में मृतक के गले को किसी तेज धार वाले हथियार से चीर दिया गया था. उसके सिर और हाथों पर भी तेज धार वाले हथियार से हमला किए जाने के निशान थे। पुलिस ने अज्ञात हत्यारे के विरुद्ध आईपीसी की धारा ३०२ (हत्या) (२०१) (घटना को अंजाम देने के बाद सबूतों को नष्ट करने की कोशिश) के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

तमाम स्रोतों से पता लगाए जाने के साथ पुलिस ने लाश मिलने से पहले की तिथियों में अन्य सभी पुलिस स्टेशनों में दर्ज किसी के लापता होने की शिकायतों की भी खोजबीन की जा रही थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि १० फरवरी को रबाले पुलिस स्टेशन में खड़कबहादुर सिंह नामक एक ४५ वर्षीय पुरुष के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई है.शिकायत में खड़कबहादुर सिंह के घर का पता घणसोली के दत्तनगर स्थित सद्‌गुरु सोसाइटी के पीछे दिया गया था।

पुलिस का जांच दस्ता उपरोक्त पते पर पहुंचा और खड़कबहादुर सिंह की पत्नी और बेटे को मृत व्यक्ति के शरीर से मिले कपड़े, कमर में लगाए जाने वाले बेल्ट और मृतक का फोटो दिखाया। कपड़े, बेल्ट और फोटो में मृतक के मुंह के आगे के टूटे हुए दांत को देखकर उनके परिवार वालों ने खड़कबहादुर सिंह की शिनाख्त की। मृतक की पहचान होने के बाद पुलिस ने खड़कबहादुर सिंह के रिश्तेदारों, परिसर में रह रहे लोगों और गोपनीय सूत्रों से सिंह परिवार की पृष्ठभूमि का पता लगाना शुरू किया।

जांच में पता चला कि खड़कबहादुर सिंह की हत्या कैलाश शालीग्राम खैरात (२९) निवासी घणसोली, जय शंकर चव्हाण (२५) निवासी नौसिल नाका रबाले तथा वली अहमद सैय्यद (२०) निवासी नौसिल नाका रबाले द्वारा मिलकर की गई है। क्राइम ब्रांच ने ६ मार्च की दोपहर तीनों आरोपियों को जाल बिछाकर धर दबोचा।

आरोपियों से की गई पूछताछ में खुलासा हुआ कि मृतक की पत्नी के साथ आरोपी कैलाश खरात के अवैध संबंध थे, जिसमें खड़कबहादुर सिंह बाधा बन रहा था। इसीलिए कैलाश खरात ने अपने साथियों की मदद से खड़कबहादुर सिंह को मार डाला और उनके शव को ऐरोली खाड़ी में ले जाकर फेंक दिया था।