*सीएए विरोधियों के पोस्टर/होर्डिंग्स सड़क पर लगाए जाने के मामले में हाईकोर्ट कल सुनायेगा फैसला*
*कोर्ट ने कहा- पोस्टर लगाना निजता का हनन, नागरिकों का अपमान: 3 बजे दुबारा हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा*
*प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा- यूपी के अधिकारी अपने को संविधान से ऊपर समझते हैं*
*लखनऊ/प्रयागराज।* लखनऊ में सीएए के विरोध में हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टर/होर्डिंग्स चौराहों व सड़क पर लगाए जाने के मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा स्वत संज्ञान लिए जाने के मामले में आज रविवार को छुट्टी के दिन हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने सरकारी वकील की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट अपना फैसला कल 2 बजे सुनाएगा।
इससे पहले आज सुबह 10 बजे जब सुनवाई शुरू हुई तो सरकारी वकील की ओर कोर्ट को बताया गया कि सरकार का पक्ष रखने के लिए एडवोकेट जनरल राघवेंद्र प्रताप सिंह आ रहे हैं, इस पर 3 बजे तक के लिए सुनवाई टाल दी गई थी। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सड़कों पर नागरिकों के पोस्टर लगाना नागरिक के सम्मान, निजता, स्वतंत्रता के खिलाफ है। डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश की ओर से एडीएम एवं कमिश्नर लखनऊ की ओर से एडीसी (नार्थ) न्यायालय में प्रस्तुत हुए थे।
उधर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में सीएए विरोधियों/”आरोपियों” के पोस्टर लगाए जाने के मामले में ट्वीट कर कहा कि यूपी के अधिकारी भाजपा सरकार के नक्शे- कदम पर चल रहे हैं, अधिकारी खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं। प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा कि हाईकोर्ट ने इन्हे बता दिया है कि वे संविधान से ऊपर नहीं हैं।
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*