यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले में सीबीआई ने दर्ज किया केस, दो हजार करोड़ का घोटाला…
मार्च शनिवार 7-3-2020 उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पीएफ घोटाला में सीबीआई सक्रिय हो गई है। प्रदेश की ईओडब्ल्यू की जांच के बाद अब हजार करोड़ के इस घोटाले की पर्त सीबीआई खोलेगी।यह घोटाला करीब 2200 करोड़ का बताया जा रहा है। सरकारी कर्मियों की पीएफ की धनराशि को प्राइवेट संस्थान डीएचएफसीएल में निवेश किया गया था। डीएचएफसीएल के कंगाल होने की कगार पर आने के बाद प्रदेश में काफी हंगामा मचा।उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के बहुचर्चित भविष्य निधि घोटाले में सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया है। इसमें धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। इस बीच प्रदेश में इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही थी।ईओडब्ल्यू अब तक इस मामले में पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी व सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता समेत 17 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पीएफ की रकम का निजी कंपनी डीएचएफएल में नियम विरुद्ध निवेश किया गया था। इस कंपनी में यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के पीएफ की रकम डीएचएफएल में निवेश की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में 2 नवंबर 2019 को पीएफ घोटाले की एफआईआर दर्ज हुई थी। अगले ही दिन मामले की जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी गई थी। इसके बाद इस घोटाले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया। ईओडब्ल्यू की अब तक की जांच में साफ हो गया है कि फर्जी शेयर ब्रोकर कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए का हेर-फेर किया गया।उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रॉविडेंट फंड घोटाले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। अब इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई जल्द ही ईओडब्ल्यू से दस्तावेज लेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…