ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, जलभराव से हुये नुकसान की सूचना 72 घंटे के अंदर उपलब्ध करायें किसान…

ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, जलभराव से हुये नुकसान की सूचना 72 घंटे के अंदर उपलब्ध करायें किसान…

किसानों टोल फ्री नंबर 1800120909090 पर रजिस्टर करा सकते हैं नुकसान की सूचना…

कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारी, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के माध्यम से भी दावा कर सकते हैं किसान-प्रमुख सचिव कृषि…

लखनऊ 06 मार्च। प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि, श्री देवेश चतुर्वेदी ने कहा है कि सभी बीमित किसान, जिनकी फसलों को ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, जलभराव से नुकसान हुआ है, वे उसकी सूचना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्राविधानों के अनुसार बीमा कंपनी को निर्धारित समय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि, जलभराव, भूस्खलन, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग से फसल की क्षति की स्थिति में बीमित किसानों को घटना के 72 घंटे के अंदर सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 1800120909090 रजिस्टर कराना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसान संबंधित बैंक शाखा, जनपद के कृषि, राजस्व विभाग के किसी अधिकारी, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के माध्यम से व्यक्तिगत दावा भी बीमा कंपनी को प्रस्तुत कर सकते हैं।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत फसलों का ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना के प्राविधानों के अनुसार मध्य अवस्था में सूखा, बाढ़, ओला, भूस्खलन, चक्रवात, जलभराव से खड़ी फसल की उपज में ग्राम पंचायत स्तर पर 50 प्रतिशत से अधिक क्षति की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में सर्वेक्षण कराकर बीमित किसानो को बीमा कंपनी द्वारा तात्कालिक सहायता के रूप में बीमित राशि के 25 प्रतिशत तक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि बीमित किसानों से दावा प्राप्त होने के उपरांत बीमा कंपनी द्वारा जनपद स्तर पर कृषि, राजस्व एवं बीमा कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त समिति द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में संयुक्त सर्वेक्षण किया जाता है। संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर फसल की क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी द्वारा कृषकों को देय क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…