छोटी कंपनियों पर नकेल, कॉरपोरेट गवर्नेंस और मजबूत हुआ, जानिए क्या है बीएसई के नियम…
नई दिल्ली, 27 नवंबर । छोटे और मझोले (एसएमई) प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध और वहां से मुख्य प्लेटफॉर्म पर आने वाली कंपनियों के लिए नियम और सख्त हो गए हैं। अब इनको ज्यादा कॉरपोरेट गवर्नेंस का पालन करना होगा। ताजा मामले में बीएसई ने कहा है कि मुख्य प्लेटफॉर्म पर वही कंपनियां आ पाएंगी, जो तीन साल तक एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध रहेंगी। नियम एक जनवरी, 2024 से लागू होगा।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने रविवार को कहा, एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने के लिए आवेदक के पास पिछले दो वित्त वर्षों में कम से कम 15 करोड़ रुपये की नेटवर्थ होनी चाहिए। बीएसई के मुख्य प्लेटफॉर्म पर आने से पहले कंपनी के पास 250 पब्लिक शेयरधारक होने चाहिए। यह नियम पहले भी था, पर अब यह अनिवार्य हो गया है। तीन वित्त वर्षों में किसी दो वर्ष में परिचालन लाभ होना चाहिए। मुख्य प्लेटफॉर्म पर आने से पहले के वर्ष में शुद्ध मुनाफे में कंपनी होनी चाहिए।
इसी तरह आवेदक की चुकता इक्विटी पूंजी 10 करोड़ रुपये से अधिक हो और बाजार पूंजीकरण 25 करोड़ रुपये हो। आवेदक कंपनी, उसके प्रमोटर और उसकी सहायक कंपनी पर सेबी का प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। पिछले तीन वर्षों में किसी भी एक्सचेंज ने कंपनी और उसके प्रवर्तकों को निलंबित नहीं किया हो।
464 कंपनियां बीएसई पर हुईं सूचीबद्ध
अब तक 464 कंपनियां बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हुई हैं। इसमें से 181 कंपनियां मुख्य प्लेटफॉर्म पर जा चुकी हैं। एनएसई और बीएसई ने मार्च, 2012 में छोटी कंपनियों को बाजारों में सूचीबद्ध करने के लिए इस प्लेटफॉर्म को शुरू किया था।
156 कंपनियों ने जुटाए 4,203 करोड़
इस साल एसएमई 156 कंपनियों ने 4,203 करोड़ जुटाए। पिछले साल 109 कंपनियों ने 1,980 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस साल पैकेजिंग 730 गुना, मैत्रेय मेडिकेयर 446 गुना, मधुसूदन मसाला 444 गुना सब्सक्राइब हुए।
सात कंपनियों पर 5.42-5.42 लाख का जुर्माना
निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या पूरी नहीं होने पर बीएसई और एनएसई ने इंडियन ऑयल और गेल सहित सरकारी क्षेत्र की सात तेल व गैस कंपनियों पर लगातार दूसरी तिमाही में 5.42-5.42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी), ऑयल इंडिया, गेल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और इंजीनियर्स इंडिया ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी जानकारी में जुर्माने का विवरण दिया। इन कंपनियों का दावा किया कि निदेशकों की नियुक्ति सरकार के अधीन है और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…