पुलिस पीएसी भर्ती का अंतिम रिजल्ट जारी…
गाजीपुर के गुलशन कुमार और हरदोई की अंतिमा ने किया टॉप…
मार्च सोमवार 2-3-2020 लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड पुलिस एवं पीएसी में सिपाही के 49568 पदों पर सीधी भर्ती का अंतिम रिजल्ट जारी हो गया है। पुरुष अभ्यर्थियों में गाजीपुर के गुलशन कुमार और महिलाओं में हरदोई की अंतिमा सिंह ने टॉप किया। लखनऊ में सोमवार को शाम चार बजे हुई प्रेस कांफ्रेंस में नतीजे जारी किए गए। इस सरकार के कार्यकाल में कुल 5000 उपनिरक्षकों, 80,000 आरक्षी नागरिक पुलिस एंव पीएसी और 2705 अन्य पदों पर कुल 87685 पदों पर चयन प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। इनके अभिलेखों और फिजिकल परीक्षा के बाद 49568 अभ्यार्थियों का चयन परिणाम घोषित किया जा रहा है। अब 49568 अभ्यार्थियों का चयन परिणाम जारी होने के बाद कुल 137253 अभ्यार्थियों का चयन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
आपको बता दें कि सिपाही के इन पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 27-28 जनवरी 2019 को कराई गई थी, जिसका परिणाम नवंबर 2019 को जारी किया गया था। लिखित परीक्षा में सफल पाए गए अभ्यर्थियों में से कुल रिक्तियों की संख्या को देखते हुए मेरिट के आधार पर 2.5 गुना ज्यादा यानी 1,23,921 अभ्यर्थियों को शैक्षिक एवं अन्य अभिलेखों की जांच और शारीरिक मानक परीक्षण के लिए बुलाया था। इस भर्ती का विज्ञापन अक्टूबर 2018 में जारी किया गया था। परिणाम जारी होने के साथ ही ट्रेनिंग की समस्या खड़ी होने वाली है क्योंकि प्रदेश के ट्रेनिंग सेंटरों में दिसंबर 2021 तक जगह ही नहीं है। लिखित परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद अभिलेखों की जांच और शारीरिक दक्षता परीक्षा कराई गई। अब मेरिट के आधार पर रिक्त पदों के सापेक्ष अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की घोषणा होनी है। इसके बाद बोर्ड सफल अभ्यर्थियों की सूची पुलिस मुख्यालय को भेजेगा।
प्रशिक्षण निदेशालय के अनुसार प्रदेश के ट्रेनिंग सेंटरों में अभी पिछली भर्ती के सिपाहियों की ही ट्रेनिंग चल रही है। संख्या ज्यादा होने के कारण इन अभ्यर्थियों को दूसरे प्रदेशों के प्रशिक्षण संस्थानों में भी भेजा गया है। अभी हालत यह है कि दिसंबर 2021 तक प्रदेश के ट्रेनिंग सेंटरों में जगह ही नहीं है। प्रदेश के ट्रेनिंग सेंटर मुरादाबाद, सीतापुर, गोरखपुर, उन्नाव, मेरठ, मिर्जापुर, जालौन व सुलतानपुर में हैं। इसके अलावा भी प्रदेश के 31 जिलों में भी ट्रेनिंग सेंटर में हैं। प्रशिक्षण निदेशालय ने प्रदेश के 40 हजार हेड कांस्टेबलों को विवेचना की ट्रेनिंग देने की भी व्यवस्था की है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में वे आपराधिक मुकदमों की विवेचना कर सकें। आपराधिक मुकदमों की विवेचना में लगने वाले समय को देखते हुए पुलिस मुख्यालय इस समय हेड कांस्टेबल को भी विवेचना का अधिकार देने की तैयारी में है। अभी तक मुकदमों की विवेचना सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर की रैंक के पुलिस अधिकारी ही करते हैं। पुलिस मुख्यालय अब इस तैयारी में है कि कम सजा वाले अपराधों (आईपीसी की हल्की धाराओं) की विवेचना हेड कांस्टेबल को दे दी जाए, जिससे मुकदमों की विवेचना का जल्द निस्तारण हो सके। विभाग की इस मंशा को भांपते हुए प्रशिक्षण निदेशालय ने हेड कांस्टेबल पद पर प्रोन्नत होने वाले पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण में विवेचना का पाठ भी जोड़ दिया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…