लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
महारुद्र यज्ञ मनुष्य के समस्त बाधाओ को दूर करता है…
गजाधरपुर मनकामेश्वर मन्दिर पर आयोजित 5दिवसीय महारुद्र यज्ञ में आज तीसरे दिन सन्तसमागम में महंत रमाकांत दास त्यागी ने कहायज्ञ को वेदों में ‘कामधुन’ कहा गया है अर्थात् मनुष्य के समस्त अभावों एवं बाधाओं को दूर करने वाला। ‘यजुर्वेद’ में कहा गया है कि जो यज्ञ को त्यागता है उसे परमात्मा त्याग देता है। यज्ञ के द्वारा ही साधारण मनुष्य देव-योनि प्राप्त करते हैं और स्वर्ग के अधिकारी बनते हैं। यज्ञ को सर्व कामना पूर्ण करने वाली कामधेनु और स्वर्ग की सीढ़ी कहा गया है। इतना ही नहीं यज्ञ के जरिए आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर प्राप्ति भी संभव है।
सन्त मोरजयध्वजय दास ने कहा
यज्ञ भारतीय संस्कृति का आदि प्रतीक है। शास्त्रों में गायत्री को माता और यज्ञ को पिता माना गया है। कहते हैं इन्हीं दोनों के संयोग से मनुष्य का दूसरा यानी आध्यात्मिक जन्म होता है जिसे द्विजत्व कहा गया है। एक जन्म तो वह है जिसे इंसान शरीर के रूप में माता-पिता के जरिए लेता है। यह तो सभी को मिलता है लेकिन आत्मिक रूपांतरण द्वारा आध्य जागता है, जिसका एक माध्यम है ‘यज्ञ’ में अयोध्या नेपाल बरेली श्रावस्ती रायबरेली बाराबंकी सूरतगंज हेतमापुर बाबागंज नेपाल नवाबगंज भभूति नाथ लक्षणनगर सोनवा मध्यप्रदेश अयोध्यासमेत अन्य जगहों से आए सन्तो ने यज्ञ की महिमा का बखान किया महिलाओ ने 12से 24घण्टे यज्ञ की परिक्रमा कर हवन पूजन किया। सेवादार
ध्रुव सिंहअर्जुन वर्मा,बलिविर वर्मा,मूलचन्द,कल्लू गौड़, मनोज सिंह कामता मिश्रा रामु गौड़ गुड्डु गौड़ सांवली प्रसाद रामदेव शिवकुमार पप्पू,दीनानाथ हरिद्वार पेररू माधव समय प्रसाद राजित राम जिया लाल शिवपूजन बनवारी लाल ननकुंने सिंह वीरेंद्र सिंह शुबास पाल बाबा तीरथ बाबा दिन अरुण कुमार समेत लोग
इस मेले महोत्सव में लोग बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है
कैलाश नाथ राना की रिपोर्ट…