लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
निर्भया केस में हाईकोर्ट ने खारिज की केंद्र की याचिका…
दोषियों को एक साथ ही होगी फांसी, मिला एक हफ्ते का समय…
नई दिल्ली. ‘निर्भया’ गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने केंद्र की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि दोषियों को एक साथ ही फांसी हो सकती है. हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय, पवन, अक्षय और मुकेश को सभी कानूनी विकल्प अपनाने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है.
केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि चारों दोषी न्यायिक प्रक्रिया का गलत फायदा उठा रहे हैं. लिहाजा जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए. किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नही दी जा सकती. हालांकि, कोर्ट ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि निर्भया के दोषियों को अब जल्द ही फांसी मिल सकेगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए सभी दोषियों को एक साथ फांसी दिए जाने को सही माना है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों की फांसी में देरी पर अथॉरिटीज को लताड़ भी लगाई है. अदालत ने कहा कि एक सप्ताह के बाद डेथ वॉरंट लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
मामले की सुनवाई के दौरान दो फरवरी को केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से ये भी कहा था कि निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं. वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह और दोषी मुकेश की वकील रेबेका जॉन ने केंद्र सरकार की याचिका पर ऐतराज जताया था. रेबेका जॉन ने कहा था कि दोषी मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने देरी के आधार पर नहीं, बल्कि मेरिट के आधार पर खारिज की है. बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से दो बार डेथ वारंट जारी होने के बाद भी चारों दोषियों की फांसी दो बार (21 जनवरी और एक फरवरी) टल चुकी है. दोषियों के वकील एपी सिंह के सुझाए कानूनी दांव-पेच की वजह से दोनों बार उनकी फांसी की सजा टल चुकी है.
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिकल स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी. दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे. इस दौरान वो वहां से गुजर रहे एक प्राइवेट बस में सवार हो गए. इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था. इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था. बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था. यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ दिया गया था.
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…