लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
सेना में पुरुष जवान महिला अधिकारियों से कमांड लेने में पूरी तरह से सहज नहीं…
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा कि सेना में पुरुष जवान फिलहाल महिला अधिकारियों से कमांड लेने में पूरी तरह से सहज नहीं हुए हैं। इसलिए महिला अधिकारियों को सेना में कमांडिग पोस्ट पर तैनात किए जाने का यह सही समय नहीं है। केंद्र सरकार ने सेना में महिलाओं के कमांडिग पदों पर स्थायी कमीशन दिए जाने की मांग करनेवाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर ये बातें कही है। अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के युद्धबंदी होने की सूरत में उनकी बड़ी पारीवारिक जिम्मेदारियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्तियों में लैंगिक भेदभाव को चुनौती देने वाली याचिका केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि उनका किसी भी तरह से यह मतलब नहीं है कि पुरुष महिलाओं से कमांड नहीं ले सकती हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर होने का प्रयास नहीं करना चाहिए, वास्तव में वो पुरुषों से ऊपर हैं । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को इसे लागू करते देखना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा कि ये सरकार का माइंडसेट बदलने का मामला है। कोर्ट ने कहा कि सेना के संदर्भ में सुनवाई करेंगे। वायु सेना और नौसेना के लिए दलीलें अगले सप्ताह सुनी जाएंगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…