लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
कारोबारी को अगवा कर पीटने के मामले में अतीक अहमद के…
बेटे मोहम्मद उमर की याचिका खारिज…
अहमदाबाद जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को एक और झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ के कारोबारी को अगवा कर देवरिया जेल में पीटने के मामले में अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर की याचिका खारिज कर दी है। उमर ने इस मुकदमे को खत्म करने के लिए याचिका दाखिल की थी। यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार व जस्टिस वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने पारित किया।याची ने मामले में झूठा फंसाए जाने की दलील देते हुए एफआइआर रद करने की मांग की थी। याचिका का सीबीआइ व राज्य सरकार ने विरोध किया। सीबीआइ की एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने तर्क दिया कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ही जांच सीबीआइ को सौंपी व बाद में अतीक का ट्रांसफर अहमदाबाद कारागार भी किया गया। कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हर तीन महीने पर अपडेट भी लिया जाता है। केंद्र व राज्य सरकार की दलीलों के बाद कोर्ट ने मोहम्मद उमर की याचिका को खारिज कर दिया।देवरिया जेल में वर्ष 2018 के दौरान जब अतीक बंद थे, तब रीयल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में पीटने का आरोप था, जिसमें अतीक के साथ उनका बेटा भी आरोपित है। उमर पर आरोप है कि उसने कारोबारी मोहित जायसवाल को लखनऊ से अगवा कर देवरिया जेल ले गया था। उस पर देवरिया जेल में कारोबारी को पीटने और जबरिया कंपनियां ट्रांसफर कराने के भी आरोप हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अतीक अहमद और उसके पुत्र मोहम्मद उमर के खिलाफ दर्ज एफआईआर की थी।लखनऊ के बिल्डर मोहित जायसवाल ने अतीक अहमद के खिलाफ न सिर्फ जेल में पीटने, बल्कि दो कंपनियों को हड़पने का भी आरोप लगाया था। बताया जाता है कि कथित तौर पर अतीक अहमद के गुर्गों ने 26 दिसंबर, 2018 को बिल्डर मोहित को सरेआम अगवा कर लिया था। मोहित को उसी गाड़ी से देवरिया जेल ले जाया गया था। आरोप है कि अतीक अहमद ने मोहित की बंधवाकर पिटाई करवाई। साथ ही उनकी दो कंपनियों को जबरन अपने गुर्गों के नाम करवा लिया था।
हिन्द वतन की रिपोर्ट…