सपा एमएलसी वेल में धरने पर बैठे, सपा विधायकों के सवाल निराधार : केशव प्रसाद मौर्य…
लखनऊ,। विधान परिषद के सत्र के पहले दिन सोमवार को यूपी बोर्ड की मान्यता की नई शर्तों का विरोध करते हुए सपा विधायक वेल में धरने में बैठ गए। इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा सदस्यों की नोटिस का सदन में जवाब देते हुए कहा कि सपा विधायकों के उठाए गए सवाल निराधार है। यह केवल ड्राफ्ट है और इस पर आपत्तियां ली जा रही हैं। यदि सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर यूपी बोर्ड बढ़ रहा है तो इसमें सभी को खुशी होनी चाहिए।
श्री मौर्य ने कहा कि सरकार की मंशा रही है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। यूपी बोर्ड के ड्राफ्ट को लेकर जो सवाल या आरोप हैं, वे गलत है। यूपी के बच्चे दुनिया की प्रतियोगी परीक्षा में बच्चे अपना स्थान बनाने में कामयाब हों, इसके लिए लगातार सुधार के कदम उठाए जा रहे हैं। यूपी के बच्चों की प्रतिभा के साथ कोई खिलवाड़ करता है तो सरकार कार्रवाई करती है। वहीं उन्होंने सदन में केवल सरकारी भवनों को ही यूपी बोर्ड का परीक्षा केन्द्र बनाने के आदेश से भी इनकार किया।
इससे पहले सपा के लाल बिहारी यादव, आशुतोष सिन्हा, नरेश चन्द्र्र उत्तम समेत अन्य सदस्यों ने 23 अगस्त को जारी मान्यता की नई शर्तों का विरोध करते हुए कहा कि इसे वापस लिया जाए। पहले 33 हजार रुपये में मान्यता मिलती थी लेकिन अब 11 लाख रुपये मान्यता के लिए खर्च करने होंगे। यूपी बोर्ड की नई मान्यता के ड्राफ्ट में शिक्षा को पूंजीपतियों के हवाले की जा रही है। मान्यता शुल्क 50 हजार, कोष 15 हजार की जगह हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का 7 लाख रुपये कर देने से स्पष्ट है कि सरकार वित्तविहीन स्कूलों को खत्म कर रही है। हर तीन साल में नवीनीकरण का नया नियम बना कर प्रबंधतंत्र का शोषण किया जाएगा। बाद में सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित करने के निर्देश दिए। बाकी सदस्यों के समझाने पर दस मिनट बाद सपा सदस्यों ने धरना खत्म कर दिया और अपनी सीटों पर बैठ गए।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…