फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुरू…
20 सितम्बर तक चलेगा अभियान…
उन्नाव, 15 सितंबर 2022 राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुरू किया गया है | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने दी|
उन्होंने बताया कि यह अभियान 20 सितंबर तक चलेगा | नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम जनपद के प्रत्येक ग्रामीण ब्लाक एव शहरी क्षेत्र में किया जाएगा | उक्त कार्य को संपादित करने के लिए कुल 42 साइट जिसमे 1 फिक्स और दूसरी रैंडम साइट का चयन किया गया है।इस कार्य में कुल 168 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है | नाइट ब्लड सर्वे का कार्य रात्रि 8.30 से 12.30 तक चलेगा ।प्रत्येक साइट पर 300 रक्त पट्टिका बनाई जायेगी। इस बार 20वर्ष तथा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगो की रक्त पट्टिका बनवाए जाने के निर्देश राज्य मुख्यालय से प्राप्त हुए है। रात्रि में रक्त पट्टिका इसलिए बनवाई जा रही है क्योंकि रात के समय परजीवी जिन्हें हम माइक्रो फाइलेरिया कहते हैं वह रक्त में सक्रिय होते हैं , इसलिए रात में लोगों के खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जाता है |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक ब्लाक में 2 साइट से रक्त के नमूने लिए जा रहे हैं, एक सेंटिनियल अथवा फिक्स साइट जहाँ पूर्व में अधिक फाइलेरिया के रोगी पाए गये हों तथा दूसरी रैंडम साईट जिसका चयन रैंडम तरीके से करते हुए नाईट ब्लड सर्वे का कार्य संपन्न कराया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी उन्नाव रमेश चंद्र यादव ने बताया कि जिन क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है उन सभी क्षेत्रों की जियो टैगिंग भी की जा रही है | इससे हमें यह पता चल सकेगा कि किन क्षेत्रों में ज्यादा मरीज है और हमें किन क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान देना है |
डीएमओ ने बताया कि सभी रक्त पट्टिकाओ की जांच सम्बन्धित सामुदायिक स्वास्थ्य/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रयोगशाला में की जायेगी | नाइट ब्लड सर्वे के लिए …जो… टीम बनाई गई हैं उस प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे ,जिनमें प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ, प्रयोगशाला सहायक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं क्षेत्रीय आशा कार्य कर रही हैं| इसके साथ ही नाइट ब्लड सर्वे के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है ।
जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा यह भी बताया गया की नाईट ब्लड सर्वे कार्य का सुपरविजन करने के लिए सभी सहायक मलेरिया अधिकारी,/बायोलॉजिस्ट,/मलेरिया निरीक्षक/फाइलेरिया निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं – अचानक बुखार आना(आमतौर पर बुखार दो तीन में ठीक हो जाता है) हाथ पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफिलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषो के जननांग और उसके आस पास दर्द व सूजन होना, पुरुषो के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आ जाना इत्यादि |
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…