इंस्टैग का ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात इकाइयां लगाने पर जोर…
नई दिल्ली, 08 जुलाई। इस्पात विकास और वृद्धि संस्थान (इंस्डैग) ने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्टील की खपत बढ़ाने के लिए खास पहल की है। संस्थान ने उद्यमियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात विनिर्माण इकाइयां (फैब्रिकेशन इकाई) स्थापित करने पर जोर दिया है और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रतिष्ठित सप्ताह में इंस्डैग ने बुधवार को ‘इस्पात खपत में वृद्धि: आने वाले वक्त में इस्पात का उपयोग’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
इस संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के तत्वावधान में किया गया।
इंस्डैग के वरिष्ठ पदाधिकारी अरिजीत गुहा ने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की खपत बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया। उन्होंने इंस्डैग की मुख्य गतिविधियों और उनके द्वारा दी जाने वाली तकनीकी सेवाओं का जिक्र किया।
भारतीय इस्पात अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एसआरटीएमआई) के निदेशक मुकेश कुमार ने कहा कि अभी भारत में प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत 77 किलोग्राम है, जबकि विश्व औसत 228 किलोग्राम है। राष्ट्रीय इस्पात नीति (एनएसपी) 2017 के तहत सरकार ने इसे 2030-31 तक 158 किलोग्राम तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…