भारत में अल्पपोषित लोगों की संख्या में आई कमी, मोटापे से पीड़ित वयस्क बढ़े : संरा रिपोर्ट…
संयुक्त राष्ट्र, 07 जुलाई। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में पिछले 15 वर्ष के दौरान अल्पपोषित लोगों की संख्या में कमी आई है और यह संख्या घटकर 2019-2021 के बीच 22 करोड़ 43 लाख रह गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में मोटापे से परेशान वयस्कों और अनीमिया (खून की कमी) की शिकार महिलाओं की संख्या बढ़ रही है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी), यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बुधवार को जारी की गई ‘विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति 2022’ रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में भूख से प्रभावित लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 82.8 करोड़ हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 2004-06 के दौरान अल्पपोषित लोगों की संख्या 24.78 करोड़ थी जो घटकर 2019-2021 के दौरान 22 करोड़ 43 लाख रह गई। रिपोर्ट में कहा गया कि पांच साल से कम उम्र के जिन बच्चों का विकास रुक गया है उनकी संख्या 2012 में पांच करोड़ 23 लाख थी जो 2020 में घटकर तीन करोड़ 61 लाख रह गई।
इसी प्रकार मोटापे से पीड़ित पांच साल से कम आयु के बच्चों की संख्या 2012 में तीस लाख थी जो घटकर 2020 में 22 लाख रह गई। देश में मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या 2012 में दो करोड़ 52 लाख थी जो 2016 में बढ़कर तीन करोड़ 43 लाख हो गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अनीमिया से पीड़ित 15 से 49 वर्ष की महिलाओं की संख्या 2012 में 17 करोड़ 15 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 18 करोड़ 73 लाख हो गई।
भारत में 2004-06 के बीच कुल जनसंख्या का अल्पपोषित हिस्सा 21.6 प्रतिशत था जो घटकर 2019-21 में 16.3 प्रतिशत रह गया। रिपोर्ट में कहा गया कि 2012 में देश की वयस्क जनसंख्या में से 3.1 प्रतिशत लोग मोटापे से पीड़ित थे और यह आंकड़ा 2016 में बढ़कर 3.9 प्रतिशत हो गया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…