लखीमपुर खीरी हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से जांच हो : वरुण गांधी
लखनऊ, 04 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है।
वरुण गांधी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए लिखा, ‘इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। इस विषय में आदरणीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाना ज्यादा उपयुक्त होगा।’ आगे उन्होंने लिखा, ‘इसके अलावा पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया
जाए। कृपया यह भी सुनिश्चित करने का कष्ट करें कि भविष्य में किसानों के साथ इस प्रकार का कोई भी अन्याय या ज्यादती न हो। किसानों के हक में लगातार मुख्यमंत्री से पत्राचार कर रहे भाजपा सांसद ने खीरी की घटना के दूसरे ही दिन लिखे गये अपने पत्र में साफ कहा है, ”तीन अक्टूबर को खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयता पूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है।” गांधी ने कहा, ‘इस घटना से एक दिन पहले ही
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देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी की जयंती मनाई थी। अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘आंदोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं। यदि कुछ मुद्दों को लेकर किसान भाई पीड़ित हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें उनके साथ बड़े ही संयम एवं धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए। हमें हर हाल में अपने किसानों के साथ केवल और केवल गांधीवादी व लोकतांत्रिक तरीके से कानून के दायरे में ही
संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए।” उन्होंने आगे लिखा, ” इस घटना में शहीद हुए किसान भाइयों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट करता हूं। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार
किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने रविवार को एक चैनल से कहा था कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकोनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं की गाड़ी पर पथराव कर दिया जिससे वह गाड़ी पलट गई। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि ”बब्बर खालसा जैसे
संगठन किसानों के विरोध में शामिल हो गए हैं।” मिश्रा ने यह भी कहा, “भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं और हमारे एक ड्राइवर की भी मौत हो गई है, दो वाहन जल गए हैं और 6-7 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पार्टी के 10 से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।” अजय मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या उनका बेटा उन वाहनों में से एक में था, जिसे कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, तो उन्होंने कहा, “नहीं। अगर वह उस कार में होता, तो वह जिंदा नहीं होता।” उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है।
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