1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की प्रतीक ”स्वर्णिम विजय मशाल” का जोशीला स्वागत

1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की प्रतीक ”स्वर्णिम विजय मशाल” का इंदौर में जोशीला स्वागत

इंदौर (मध्यप्रदेश), 29 सितंबर। वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की शौर्यपूर्ण जीत के 50 साल पूरे होने के मौके को यादगार बनाने के लिए देश भर में निकाली जा रही “स्वर्णिम विजय मशाल” यात्रा का बुधवार को इंदौर में जोशीला स्वागत किया

गया। अधिकारियों ने बताया कि देशभक्ति के माहौल में यह यात्रा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) के स्थानीय परिसर में पहुंची जहां बीएसएफ के महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव के नेतृत्व में “स्वर्णिम विजय मशाल” को सलामी दी गई।

उन्होंने बताया कि बीएसएफ परिसर से इस मशाल को पूरे सम्मान के साथ शहर के एक सभागृह में लाया गया जहां इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने इसकी अगवानी की। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले बीएसएफ के पूर्व जवानों और उनके परिवारों का सम्मान भी किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि 1971 के युद्ध में भारत की जीत के 50वें वर्ष में प्रवेश के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लगातार जलती रहने वाली ज्योति से चार स्वर्णिम विजय मशालों को विजय दिवस के मौके पर 16 दिसंबर 2020 को प्रज्ज्वलित किया था।

उन्होंने बताया कि इस साल मनाए जा रहे “स्वर्णिम विजय वर्ष” के कार्यक्रमों के तहत चारों मशालों को 1971 के युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के मूल निवास स्थानों सहित देश के विभिन्न भागों में ले जाया जा रहा है और इन मशाल यात्राओं के जरिये भारतीय सैनिकों के शौर्य तथा बलिदान की गाथाओं को आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट