जलवायु परिवर्तन पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा

जलवायु परिवर्तन पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा

मोतिहारी, 28 सितंबर। महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान एवं कृषि विज्ञान केंद्र,पिपराकोठी के तत्वाधान में आज जलवायु अनुकूल प्रजातियों टेक्नोलॉजी एवं कार्यप्रणाली पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा आयोजित हुई। जिसमे सम्मिलित किसानो को पीएम मोदी एवं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भी संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। भारतीय कृषि मौसम पर आधारित है।इस कारण इसके चपेट में किसानों के आने की संभावना सबसे अधिक है। इसलिए यह जरूरी है कि किसानों को यह पता होना चाहिए की समस्या का सामना कैसे किया जाए।

उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी के बढने के अनुमान के कारण वैश्विक कृषि उत्पादन 2050 तक दोगुना करने की बडी चुनौती है।वही भारत में 120 मिलियन हेक्टेयर ऐसी भूमि है, जो किसी न किसी प्रकार की कमी से ग्रस्त है लघु तथा सीमांत किसान इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं एक अनुमान के अनुसार भयंकर सूखे की वजह से उन्हें घरेलू उपाय से 24से 58 फीसदी की कमी का सामना करना पड़ सकता है और घरेलू गरीबी में 12 से 33 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। मौके पर मंत्री,बिहार सरकार में प्रमोद कुमार, विधायक श्याम बाबू यादव एवं बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।

“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट