गाजीपुर बार्डर पर यातायात ठप
नई दिल्ली। केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में आहूत भारत बंद के दौरान सैकड़ों किसानों ने सोमवार को गाजीपुर सीमा पर विरोध किया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की। अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने कहा कि
वे पिछले 10 महीनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में बैठे हैं। मेरठ के 52 वर्षीय सूबा सिंह ने कहा कि मैं अन्य किसानों के साथ यहां बैठा हूं और हम तब तक नहीं हिलेंगे जब तक मोदी सरकार द्वारा इन तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता। एक अन्य किसान, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी किशन पाल ने कहा कि आज, भारत में किसान, मजदूर और व्यापारी
पीड़ित हैं। यह बिल ला कर हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धोखा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को एक बयान में कहा कि पिछले साल इसी दिन 27 सितंबर 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल तीन किसान विरोधी काले कानूनों को अपनी मंजूरी दी थी और उन्हें लागू किया था। सोमवार को देश भर में सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद रहेगा। किसान नेताओं ने सभी भारतीयों से बंद में शामिल होने की अपील की है और शांतिपूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है।
भारत बंद के मद्देनजर, दिल्ली यातायात पुलिस ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी के साथ राज्य की गाजीपुर सीमा की ओर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। उन्होंने ट्वीट किया, विरोध के कारण यूपी से गाजीपुर की ओर यातायात बंद कर दिया गया है। गाजीपुर बॉर्डर के साथ ही हरियाणा के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट