हमें साझा अनुभवों से सबक लेकर लैंगिक समानता पर विमर्श की दिशा बदलने की जरूरत है: शाहिद…
संयुक्त राष्ट्र, 22 सितंबर । संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने साझा अनुभवों से सबक लेकर लैंगिक समानता पर विमर्श की दिशा बदलने की आवश्यता पर बल दिया और उम्मीद जताई कि यूएनजीए का मौजूदा सत्र लैंगिक मामलों को लेकर संवेदनशील रहेगा और ऐसी नीतियों का समर्थन करेगा, जो महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाती हैं।
शाहिद ने यहां मंगलवार से आरंभ हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सप्ताह के इतर यूरोपीय आयोग और राष्ट्रों की महिला प्रमुखों के साथ विशेष बैठक की। शाहिद ने कहा, ‘‘लैंगिक समानता का मामला मेरे दिल के करीब है। जब तक महिलाओं और लड़कियों को उनके अवसर और अधिकार नहीं दिए जाएंगे, तब तक मैं इस नीति की वकालत करता रहूंगा।’’
बैठक में एस्टोनिया की राष्ट्रपति केर्स्टी कलजुलैद, मोल्दोवा गणराज्य की राष्ट्रपति मैया संदू, तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और बारबाडोस की प्रधान मंत्री मिया अमोर मोटल ने भाग लिया।
शाहिद ने उस किसी भी पैनल में शामिल नहीं होने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है, जो लैंगिक आधार पर संतुलित नहीं है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता को लेकर काफी काम किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आगे बढ़ते समय आपके विचारों और समर्थन पर निर्भर करूंगा। हमें लैंगिक समानता पर विमर्श की दिशा बदलने-हमारी प्रतिबद्धताओं को नया जीवन देने के लिए साझा अनुभवों से सबक लेकर आगे बढ़ना चाहिए, ताकि यह भरोसा दिखाया जा सके कि हम सभी महिलाओं एवं लड़कियों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।’’
उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता का संदर्भ और दायरा अलग-अलग समुदायों में अलग-अलग है – लेकिन “यह व्यापक है – महिलाओं एवं लड़कियों को हाशिए पर धकेले जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं’’।
शाहिद ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र में महिला स्थायी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि इन सभी चर्चाओं का परिणाम ऐसे 76वें सत्र के रूप में सामने आएगा जो न केवल लैंगिक मामलों के प्रति संवेदनशील होगा, बल्कि इन मामलों को लेकर अग्रसक्रिय भी रहेगा और महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने वाली नीतियों और कदमों को लगातार समर्थन देगा।’’
शाहिद 75वें सत्र से शुरू किए गए लैंगिक सलाहकार समूह का पुनर्गठन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 76वें सत्र की सभी गतिविधियां लैंगिक आधार पर संवेदनशील हों।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…