ओपीडी सेवा के समय नदारद रहते डॉक्टर, 11 बजे तक नहीं पहुंचे…

ओपीडी सेवा के समय नदारद रहते डॉक्टर, 11 बजे तक नहीं पहुंचे…

स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रदेश सरकार के दावों को धता बता रहे अस्पताल के डॉक्टर…

ओपीडी सेवा के दौरान कैमरे पर कैद हुए चार दलाल…

फतेहपुर, 21 सितंबर। जिला अस्पताल में लापरवाह डॉक्टर समय से ओपीडी सेवाओं नहीं दे रहे हैं। प्रदेश सरकार के दावों को खुलेआम धता बताते हुए दिखे। मंगलवार की सुबह 8.00 बजे से 11.00 बजे तक कई डॉक्टर अपने ओपीडी कमरे में नहीं आये। मरीज घंटों तक इंतजार के बाद डॉक्टर के न आने पर निराश होकर वापस लौटने को विवश रहे।

आज कमरा नंबर 05, कमरा नंबर 08, कमरा नंबर 07, कमरा नंबर 02 में डॉक्टर के कमरे के बाहर मरीज और तीमारदार तो नजर आए लेकिन 11:00 बजे तक डॉक्टर नदारद रहे। हालांकि जब इस मामले में तीमारदारों व मरीजों से बात की गई तो उन्होंने सरकार की अव्यवस्थाओं को गिनाते हुए कहा कि प्रदेश की योगी सरकार बड़े-बड़े दावे पेश करती है परंतु जमीनी हकीकत पर देखा जाए तो यह दावे खोखले नजर आते हैं बस फर्क इतना है कि प्राइवेट अस्पतालों में फीस देकर इलाज करवाना पड़ता है और दवाई लेनी पड़ती है। सरकारी अस्पताल में मात्र फीस नहीं पड़ती लेकिन दवाएं सारी बाहर की ही लेनी पड़ती है जिला अस्पताल में समय से डॉक्टर ना उपलब्ध होने के कारण कई बार तो मरीजों को दम भी तोड़ना पड़ रहा है। यह तो बात रही जनपद के जिला अस्पताल में ओपीडी सेवा की।

इस बाबत जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की गई तो उनका रटा रटाया जवाब कि औचक निरीक्षण व जांच करा कर ओपीडी के समय कमरे से गायब रहने वाले लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

अभी हाल में ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने अपने एक बयान में कहा था कि प्रदेश के समस्त जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी व मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अपने जनपद के जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मरीजों को हर सुविधा मुहैया कराने का काम करेंगे उनका यह बड़ा बयान भले ही अन्य जनपदों में लागू हो रहा हो किंतु जनपद फतेहपुर में जिला अस्पताल जब से मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित हो गया है तब से डॉक्टर अपनी मनमानी करते नजर आते हैं वही कहने को तो ओपीडी सेवा सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे तक की रहती है परंतु जिला अस्पताल में कोई भी डॉक्टर समय से अपने कमरे पर नहीं उपलब्ध रहते। मरीज सुबह से ही कमरों के बाहर अपना पर्चा बनवाकर डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहते हैं।

जिला अस्पताल के ओपीडी कमरे में डॉक्टर मिले न मिले लेकिन दलाल जरूर हाजिर मिलेगे। कमरा नम्बर एक में चार दलाल बैठे है। अक्सर हर कमरे में दलालों को बैठे देखा जा सकता हैं। दवाओं का काम करने वाले ये दलाल जिला अस्पताल के डॉक्टरों को अपने झांसे में लेकर उन्हें अच्छा खासा कमीशन देने की बात करते हुए अपनी दवाई लिखवाते है हालांकि जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इन दलालों को लेकर लिखित शिकायत भी की गई है परंतु सक्षम अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…