अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के दो स्टार्टअप की योजनाओं को प्रायोगिक सुविधाएं मुहैया कराएगा इसरो

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के दो स्टार्टअप की योजनाओं को प्रायोगिक सुविधाएं मुहैया कराएगा इसरो

बेंगलुरु, 18 सितंबर। अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) ने अंतरिक्ष प्रक्षेपण यानों की उप-प्रणालियों/प्रणालियों के विकास और परीक्षण की दिशा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सुविधाओं और विशेषज्ञता तक पहुंच के लिए एयरोस्पेस स्टार्टअप ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा विभाग ने अंतरिक्ष प्रक्षेपण

यानों की उप-प्रणालियों/प्रणालियों के विकास और परीक्षण की दिशा में इसरो सुविधाओं और विशेषज्ञता तक पहुंच मुहैया कराने के लिए हैदराबाद स्थित ‘स्काईरूट एरोस्पेस’ के साथ भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता पत्र ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ कंपनी को अपने एकल थ्री-डी प्रिंटेड सेमी क्रायो इंजन और अन्य प्रणालियों के

परीक्षण और सफलता के लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर कई परीक्षण करने और पहुंच सुविधाएं हासिल करने में सक्षम बनाएगा। यह चेन्नई में आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान)-मद्रास के राष्ट्रीय ज्वलन अनुसंधान एवं विकास केंद्र में स्थित अग्निकुल को अपनी अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान प्रणालियों और उप प्रणालियों के परीक्षण और सफलता के लिए इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने में भी सक्षम बनाएगा।

कंपनी ने ट्वीट किया, ”इस तरह के सरकारी समर्थन के साथ, पृथ्वी की निचली कक्षा करीब दिखती है।”

अग्निकुल के शीर्ष अधिकारियों ने विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष के सिवन से मुलाकात की, जिन्होंने अग्निकुल प्रक्षेपण यान प्रणालियों को और उपयोगी बनाने के लिए विभाग की तरफ से हर प्रकार के समर्थन का आश्वासन दिया।

“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट