आत्महत्या से बचाने में फैमिली थेरेपी कारगर…ज्योति बाबा…
मुश्किलों का हल नशे में खोजने वाले आत्महत्या को होते प्रेरित…ज्योति बाबा…
पारिवारिक कलह का निदान क्या आत्महत्या है..ज्योति बाबा…
गुरु के प्यार की झप्पी-करें आत्महत्या से मुक्ति…ज्योति बाबा…
कानपुर l आत्महत्या की सोच को खत्म करने में चिकित्सक के साथ-साथ परिवार की भी सहभागिता होती है अगर कोई व्यक्ति रूटीन कार्य से अलग दिखने के साथ उसके सोने उठने खाने का समय बदल जाए तो परिवार के सदस्यों को चाहिए कि उससे खुलकर बात करें और उसे समझा कर न छोड़ें बल्कि मनोचिकित्सक के पास ले जाएं और चिकित्सक सब स्थिति समझकर दवा देने के साथ फैमिली थेरेपी भी नियमित देने को कहता है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में लक्ष्य संस्था के सहयोग से नशा हटाओ बचपन बचाओ पेड़ लगाओ कोरोना मिटाओ अभियान के तहत आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में सुसाइड प्रीवेंशन डे के अवसर पर अंबेडकर प्रतिमा माल रोड के सामने आयोजित तिरंगा मानव संखला के समापन पर कोरोना गाइडलाइंस के तहत हुई स्वास्थ्य सभा में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने कहा की कोरोना के चलते आत्महत्या की दर में 40% से ज्यादा इजाफा हुआ है खासतौर से बच्चों की खेलने कूदने की शारीरिक गतिविधियां बंद होने से मानसिक रोग व डिप्रेशन की अवस्था ज्यादा पाई जा रही है ज्योति बाबा ने बताया कि तमाम लोग संक्रमण से उबरने के बाद पोस्ट कोविड-19 की शारीरिक दिक्कतों के साथ-साथ मानसिक परेशानियों से भी जूझ रहे हैं कोरोना के चलते तमाम लोगों की नौकरियां जाने के साथ कारोबारी संकट पैदा होने के चलते अति तनाव व अवसाद इत्यादि कारणों से आत्महत्या में बढ़ोतरी हुई है फैमिली थेरेपी के द्वारा यह बताया जाता है कि जीवन की हर परेशानी का हल है जीवन सबसे अनमोल है उसे खत्म करना कायरता है यह दुनिया बहुत खूबसूरत है इसीलिए जिंदगी को जीना है फिर भी यदि किसी मुकाम पर असफल हुए तो वह जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं है राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन ने कहा कि अवसाद की स्थिति में प्राय: व्यक्ति को अच्छे बुरे का ख्याल नहीं रहता ऐसे में वह खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी करता है इसीलिए स्वजनों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण हो जाती है समाज सेविका अनीता दुआ ने जोर देकर कहा कि कोरोना कॉल लंबा खिंच सकता है इससे घबराना नहीं है बल्कि इससे यह सोचना है कि सभी प्रभावित हैं राष्ट्रीय समन्वयक हरदीप सिंह सहगल ने कहा ने आत्महत्या की मुख्य वजहों में बताया कि स्कूलों में छात्रों को आगे अच्छा करने को लेकर प्रेरित नहीं करना,उनकी मेहनत को नहीं समझना और मानसिक दबाव बनाना इत्यादि है अन्य प्रमुख नवीन गुप्ता,के एन निगम,सोनम बाल्मीकि,नीतू शर्मा राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष,दीपक सोनकर इत्यादि थे l
रोहित कुमार
मीडिया प्रभारी
सोसाइटी योग ज्योति इंडिया
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