न्यायालय में याचिका दाखिल कर आदर्श पुलिस विधेयक बनाने का अनुरोध
नई दिल्ली, 04 सितंबर। उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर एक ‘आदर्श पुलिस विधेयक’ बनाने का अनुरोध किया गया है ताकि पुलिस प्रणाली को ‘पारदर्शी, स्वतंत्र, जवाबदेह एवं जन हितैषी’ बनाया जा सके।
अधिवक्ता और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दाखिल कर अनुरोध किया कि केंद्र को एक ‘न्यायिक आयोग’ या एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया जाए जो विकसित देशों, खासतौर पर अमेरिका, सिंगापुर और फ्रांस के पुलिस कानूनों का अध्ययन करे और ‘आदर्श पुलिस विधेयक’ का मसौदा तैयार करे।
जनहित याचिका पर आने वाले दिनों में सुनवाई हो सकती है। इसमें अदालत से यह अनुरोध भी किया गया है कि भारत के विधि आयोग को विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए उक्त देशों के पुलिस कानूनों का अध्ययन करने का निर्देश दिया जाए, जिससे पुलिस प्रणाली को ‘सक्षम, प्रभावी, पारदर्शी, संवेदनशील, जवाबदेह तथा तकनीक से युक्त’ बनाया जा सके।
वकील अश्विनी कुमार दुबे द्वारा दाखिल याचिका में कहा, ‘‘1990 में कश्मीर में क्या हुआ था, बंगाल में 2021 में भी यही हुआ और वह भी दिनदहाड़े। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया क्योंकि हमारे पास शासकों की पुलिस है, जनता की पुलिस नहीं।’’
याचिकाकर्ता ने कहा कि ‘औपनिवेशिक पुलिस अधिनियम 1861’ प्रभावहीन, पुराना हो गया है और यह कानून व्यवस्था, स्वतंत्रता एवं सम्मान से जीवन जीने के अधिकारों को कायम रखने में विफल रहा है। इसमें आरोप लगाया गया कि कई बार पुलिस सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों या सांसदों की सहमति के बिना प्राथमिकी दर्ज नहीं करती।