लापता 150 लोगों का अब तक नहीं लग सका है पता…
रहस्य से पर्दा उठना है अभी बाकी…
आगरा। मथुरा में हिंसा की लपटों से घिरे जवाहर बाग में 29 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। हिंसा के दौरान गायब हुए 150 लोगों का अब तक पता नहीं चल सका है। इस कांड में दर्ज हुए हत्या के रिपोर्ट में 102 लोगों को मुल्जिम बनाया गया। इससे पहले कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ 29 मुकदमा दर्ज हुए और 42 लोग आरोपित बनाया गया था। करीब पांच दर्जन आरोपित रिहा होकर अपने घर के लिए चले गए, जबकि तीन की जेल में ही मौत हो गई। कई गवाह अपनी गवाही से मुकर गए, लेकिन अभी तक इस कांड के पीछे के रहस्य का पर्दा नहीं उठ सका है।
वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश के सागर जिले से दिल्ली के लिए कूच कर रहा स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह के स्वयं भू नेता रामवृक्ष यादव ने दो दिन की मंजूरी लेकर जवाहर बाग में अपना पड़ाव डाला और उसके बाद दो साल तक जवाहर पर काबिज रहा। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह तोमर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट ने जवाहर बाग को खाली कराने के आदेश दिए। इसी आदेश के अनुपालन को लेकर पुलिस दो जून को जवाहर बाग के अंदर काबिज कथित सत्याग्रहियों की स्थिति को भांपने के लिए गई और उसके ऊपर कथित सत्याग्रहियों ने हमला कर दिया। इस हमले में 29 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए। कथित सत्याग्रहियों के अधिवक्ता एलके गौतम ने बताया, घटना के बाद से करीब 150 लाेग भी लापता हो गए। जिनका अभी तक पता नहीं चल सका।
सरकार ने हिंसा की आग में झुलसे जवाहर बाग का सुंदरीकरण कराया। यहां बच्चों के लिए झूले लगाए गए और ओपन जिम बनाया गया। वाक के लिए पाथवे बनाया गया है। जवाहर बाग के सुंदरीकरण पर कुल 15.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…