जेल में बंद महिला की जगह दूसरी को खड़ा कर बैनामा करा लिया…
लखनऊ। जालसाजों ने जेल में बंद एक महिला की दुकान व मकान हड़पने के लिये उसके बेटे को धमकाया, फिर उसकी मां के स्थान पर दूसरी महिला को खड़ा कर बैनामा करा लिया। इतना ही नहीं आरोपियों ने महिला के मकान पर 98 लाख रुपये का ऋण ले लिया और फिर इसे एक करोड़ 29 लाख रुपये में बेच भी दिया। पीड़ित महिला जब जेल से बाहर आयी तो उसे फर्जीवाड़े का पता चला। उसने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। जांच में आरोप सही मिलने पर वजीरगंज पुलिस ने ब्रोकर, दम्पत्ति, गवाह व पीड़िता के नाम से कचहरी गई महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
वजीरगंज इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पाण्डेय के मुताबिक जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी मंजूलता के पति का देहान्त हो चुका है। वह घर में ही एक दुकान को किराये पर देकर जीविका चला रही है। वर्ष 2017 में दुकान को किराए पर लेने के लिए ब्रोकर विवेक मिश्रा ने मंजूलता से सम्पर्क किया। उसने कहा कि वह किरायेदारी अनुबंध के साथ दुकान लेंगे। इस बीच बाराबंकी पुलिस ने उसे एक अपराधिक मामले में जेल भेज दिया। जेल में रहने के दौरान सात नवम्बर, 2017 को उसकी अनुपस्थिति में विवेक मिश्रा ने बेटे आकाश दीप उर्फ शिवम को धमकाया। फिर उसे उपनिबंधक के कार्यालय में चलकर एग्रीमेंट करने की बात कही। विवेक ने वहां एक दूसरी महिला नाजिया को मंजूलता बताकर आकाश के साथ खड़ा किया। यहां आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से मो. मुसाफिर अंसारी के नाम बैनामा करा दिया। इस बैनामे में विवेक मिश्र और साबिर अली गवाह बने। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की और जांच में तथ्य सही मिलने पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई। इंस्पेक्टर का कहना है कि इस मामले में कुछ बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…