कोविड से बेसहारा 20 बच्चों को मिला मुख्यमन्त्री का सहारा…

कोविड से बेसहारा 20 बच्चों को मिला मुख्यमन्त्री का सहारा…

बेसहारा बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए – श्रीराम चौहान…  

जनपद के 20 ऐसे बच्चों के अभिभावकों के खाते में पहुंची धनराशि…

संतकबीरनगर, 22 जुलाई 2021।कोविड से बेसहारा हुए 20 एकल बच्चों के अभिभावकों के खाते में मुख्यमन्त्री बाल सेवा योजना की धनराशि का अन्तरण हुआ है। ऐसे बच्चों को आगे आने वाले समय में भी कोई परेशानी नहीं होने पाएगी। कारण यह है कि प्रदेश के मुख्यमन्त्री ऐसे बच्चों का खुद सहारा बने हुए हैं और उनकी हर सुख-सुविधा का ध्यान रख रहे हैं। अभिभावकों से भी अनुरोध है कि वे इस धनराशि का उपयोग उनके शिक्षा व स्वास्थ्य तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं पर खर्च करें। यह बातें राज्यमन्त्री श्रीराम चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमन्त्री बाल सेवा योजना के शुभारम्भ के अवसर पर गुरूवार को कहीं।

इस अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि कोविड से बेसहारा हुए बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमन्त्री खुद ही चिन्तित हैं। इसीलिए यह योजना चलाई गई है। “बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा, प्यार व अधिकार – सरकार करेगी सपने साकार” के नारे के साथ कोविड-19 प्रभावित बच्चों को मदद पहुँचाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इसमें वह बच्चे शामिल हैं जिन्होंने कोरोना काल (मार्च 2020 से) में माता-पिता दोनों या उनमे से किसी एक को खोया है । इनमें जनपद के कुल 20 बच्चे शामिल हैं जिन्होने अपने माता या पिता दोनों में से एक को खोया है।

इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी श्वेता त्रिपाठी ने कहा कि कोविड काल  में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले इन्हीं बच्चों के जीवन को संवारने के लिए वृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘उ. प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की तरफ से इस योजना का शुभारंभ किया गया है।  योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 18 साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे । इसके साथ शर्त यह होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया हो और बच्चे के स्वास्थ्य व पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो ।  वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4000 की दर से 12,000 रूपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जायेंगे । इसके अतिरिक्त अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

कलेक्ट्रेट सभागार संत कबीर नगर मे आयोजित कार्यक्रम में मंत्री उद्यान, कृषि विपणन तथा कृषि निर्यात श्रीराम चौहान, विधायक राकेश सिंह बघेल एवं जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत चयनित 20 बच्चों को धनराशि का स्वीकृति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डा कौस्तुभ, सी.डी.ओ. अतुल मिश्र, जिला प्रोवेशन अधिकारी डा. श्वेता उपस्थित रही।

जिलाधिकारी बनी निराश्रित बच्चों की संरक्षक

जिलाधिकारी ने इस अवसर पर सभी पीड़ित परिवार एवं बच्चों से भेट कर के उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जायेंगा। उन्होने कहा कि वे अपनी समस्याओं के संबंध में समय-समय पर उनसे अथवा सीडीओ से सम्पर्क करके अवगत कराते रहे। बच्चों की शिक्षा एंव भरण-पोषण से हट कर भी कोई समस्या हो तो अवगत कराये। उसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की रहेंगी।

कार्यक्रम का बड़ी स्क्रीन पर हुआ प्रसारण

इस दौरान कलेक्ट्रेट के सभागार के साथ ही बाहर मोबाइल वैन पर भी लोगों को इस योजना के शुभारंभ तथा इसकी विशिष्टताओं के बारे में बताया गया। लोगों ने प्रदेश के मुखिया के द्वारा चलाई जा रही इस योजना की सराहना की।

राज्यपाल, मुख्यमन्त्री व महिला कल्याण मन्त्री ने दिया उदबोधन

प्रदेश मुख्याल पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना से मृतक हुये माता-पिता के बच्चो को सहारा बनेगी। उत्तर प्रदेश ऐसी योजना लागू करने वाला प्रथम राज्य है। विश्वविद्यालय तथा डिग्री कालेज में अध्ययनरत ऐसे बच्चों को गोद लेने के लिए सभी विभागाध्यक्षों एवं कुलपतियों को निर्देशित किया है। उन्होने कहा कि लड़कियों को विशेष रूप से समय-समय पर मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी। इस अवसर पर उन्होने इस योजना के लोगो का बटन दबा के अनावरण किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कुल 4050 बच्चों को चिन्हित किया गया है, इसमें से 240 बच्चों के माता-पिता दोनो की मार्च 2020 से अबतक कोरोना के कारण मृत्यु हो गयी है। 3810 बच्चे ऐसे है, जिनके माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुयी है ऐसे प्रत्येक परिवार को 4000 रूपया प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जायेंगा। उन्होने सभी 4050 बच्चों के खाते में 4.86 करोड़ रूपये की धनराशि बटन दबाकर आनलाइन स्थानान्तरित किया। यह धनराशि प्रत्येक बच्चे के भरण-पोषण के लिए तिमाही किश्त 12000 रूपये खाते में दी गयी। इस योजना के तहत कोविड-19 से अनाथ हुयी बच्चियों की शादी हेतु रु एक लाख एक हजार की धनराशि दिये जाने का प्राविधान किया गया है। कक्षा 9 से ऊपर के अनाथ बच्चों को निःशुल्क लैपटाप/टेबलेट दिये जाने की घोषणा मुख्यमन्त्री ने की।

प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्वाती सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एंव चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला माथुर, बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ0 विशेष गुप्ता, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव एस राधा चौहान उपस्थित रहे। प्रमुख सचिव महिला एंव बाल विकास वी0 हेकाली झिमोमी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…