कोविड, टीबी व संक्रामक रोगों से बचाव के लिए शुरु हुई घर – घर दस्तक…
घरों में मच्छरों के पनपने के स्थानों की भी होगी मानीटरिंग…
हैण्डवाश तथा जल क्लोरीनेशन के डेमो देकर कर रहीं प्रशिक्षित…
संतकबीरनगर ।कोरोना वायरस के साथ ही संक्रामक रोगों से बचने के लिए फ्रंट लाइन वर्कर्स की टीम घर – घर दस्तक देने के लिए निकल पड़ी है । वह घर- घर जाकर न सिर्फ कोरोना, क्षय रोग तथा संक्रामक रोगों से बचने के लिए आवश्यक टिप्स दे रही हैं, बल्कि बचाव के प्रक्रिया का सार्वजनिक प्रदर्शन करके लोगों को जागरुक भी कर रही हैं | इंसेफेलाइटिस से बचाव की जानकारी साझा कर रही हैं । दस्तक अभियान में इंसेफेलाइटिस के अलावा क्षय रोग तथा कोविड को भी जोड़ा गया है । इसमें 10 विभाग मिल कर बेक्टर बार्न डिजीज के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही कर रहे हैं।
सीएमओ डॉ. इन्द्र विजय विश्वकर्मा के निर्देशन में जिले के सभी नौ विकास खण्डों (ब्लाक) की आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम दस्तक अभियान के तहत घर – घर जाकर लोगों को जेई व एईएस के साथ ही कोविड व क्षय रोग के प्रति जागरुक करने के साथ क्षय रोगियों की खोज में भी लगी हैं। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि संचारी रोगों के साथ ही कोरोना के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए यह अभियान शुरु किया गया है। कोविड प्रोटोकाल के साथ किए जा रहे गृह भ्रमण के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि लोगों के घरों में कोई ऐसा बच्चा तो नहीं है जो बुखार से पीड़ित है। इसके साथ ही कोविड व टीबी के लक्षणों से युक्त कोई व्यक्ति तो नहीं है ।
दिए जा रहे हैं यह जरुरी टिप्स
क्षय रोग, कोविड तथा जेई व एईएस से बचने के लिए जरुरी एहतियात यह है कि सार्वजनिक और खुले स्थान पर न थूकें । हमेशा हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। खांसी या बुखार के लक्षण होने या सांस लेने में तकलीफ होने पर सार्वजनिक स्थानों पर न जाएँ और लोगों से निकट संपर्क न करें तथा सीधे स्थानीय स्वास्थ्य इकाई पर जाएं। इसके लिए एम्बुलेंस का प्रयोग करें। बुखार होने पर खुद से कोई दवा न लें बल्कि चिकित्सक की सलाह पर ही कोई दवा लें।
चार तरह की रिपोर्ट तैयार करेंगी आशा कार्यकर्ता
आशा कार्यकर्ता से चार तरह की रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। इसमें बुखार, इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और टीबी के लक्षण वालों की पहचान की जाएगी। इसी के साथ घर में अगर कोई कुपोषित बच्चा है तो उसकी भी पहचान कर उसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट एएनएम के माध्यम से सीएचसी को प्रेषित की जाएगी। जिला स्तर पर सभी रिपोर्ट कंपाईल की जाएगी। चिन्ह्ति मरीज व कुपोषित का इलाज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार के दस्तक अभियान में टीबी व कुपोषित बच्चों को चिन्ह्ति करने का कार्य भी शामिल किया गया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…