उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के छात्रों के मध्य डिजिटल डिवाइड को…
कम करने एवं शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश के तहसीलध्ब्लाक स्तर पर…
संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों को ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया…
लखनऊ 30 जून। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के छात्रों के मध्य डिजिटल डिवाइड को कम करने एवं शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश के तहसीलध्ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों को ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। तहसील/ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों में अधिकांश छात्र ग्रामीण अंचल के पिछड़े एवं वंचित तबके के हैं, इन साधन विहीन छात्रों को आधुनिक शिक्षण तकनीक से शिक्षण सुविधा प्रदान करने एवं डिजिटलाइजेशन की ओर उन्मुख करने हेतु राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम जिधर भी देखे इण्टरनेट की उपयोगिता एवं आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग भी इण्टरनेट के महत्व से अछूता नहीं है। कोविड-19 महामारी के दौर में परीक्षा, ट्रेनिंग कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा, वेबिनार, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं आनलाइन क्लास से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी के उपयोग तक सभी क्षेत्रों में इण्टरनेट की आवश्यकता और भी बढ़कर सामने आयी है। प्रदेश के अनेक राजकीय महाविद्यालय पिछड़े क्षेत्रों में है जहां पर आधुनिक तकनीकी संसाधनों की अत्यन्त कमी महसूस की जाती है। प्रदेश सरकार पिछड़े क्षेत्र के निर्धन, वंचित छात्र/छात्राओं के शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान यह अनुभव किया गया कि ग्रामीण अंचल में निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे प्रदेश के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस डिजीटल डिवाइड गैप को कम करने के लिए एवं राज्य के तहसील व ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई, इण्टरनेट कनेक्शन एवं एक्सेस विकसित करने हेतु प्रति महाविद्यालय 05 कम्प्यूटर, 05 प्रिन्टर, 03 टेबल कुर्सी एवं वाई-फाई तथा इण्टरनेट के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क, वाई-फाई एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करके इन ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री ई-कन्टेन्ट, डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग, विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों वेबिनार आदि अनेकों उपयोगी एवं आधुनिक सुविधायें प्रदान कर उनका बहुमुखी विकास किया जा सकता है। इस दिशा में ई-लर्निंग पार्क की सुविधा मील का पत्थर साबित होगी, इससे न केवल शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन दूरस्थ ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी होगा जिससे जन-जागरूकता के साथ-साथ इन सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सकेगा।
अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग श्रीमती मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि उपरोक्त 120 राजकीय महाविद्यालयों के ग्रामीण अंचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित होने के कारण कम्प्यूटरों का संचालन महाविद्यालयों के कार्य समय के उपरान्त रात्रि 08ः00 बजे तक किया जायेगा तथा कम्प्यूटरों के संचालन एवं रख-रखाव हेतु प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय स्तर पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की एक कमेटी गठित की जायेगी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…