EWS कोटे से एसोसियेट प्रोफ़ेसर/प्रोफ़ेसर नियुक्ति न होनेकी मांग…
लखनऊ 17 जून। अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने ईडब्ल्यूएस कोटे से एसोसियेट प्रोफ़ेसर तथा प्रोफ़ेसर की नियुक्ति किये जाने को तत्काल रोके जाने की मांग की है.
राज्यपाल, उत्तर प्रदेश तथा मुख्यमंत्री को भेजे अपने प्रत्यावेदन में उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण की एक अर्हता यह है कि अभ्यर्थी के परिवार की वार्षिक आय रु०. 8 लाख से अधिक नहीं हो. पिछले दिनों गोरखपुर, सिद्धार्थनगर तथा लखनऊ विश्वविद्यालय ने असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के साथ ही एसोसियेट प्रोफ़ेसर तथा प्रोफ़ेसर पद के लिए भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था रखी गयी तथा ख्वाजा मोइउद्दिन चिश्ती विश्वविद्यालय लखनऊ में एक एसोसियेट प्रोफ़ेसर की ईडब्ल्यूएस आरक्षण में नियुक्ति भी हो चुकी है.
अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि एसोसियेट प्रोफ़ेसर तथा प्रोफ़ेसर पद हेतु ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्राथमिक स्तर पर ही पूर्णतया अनुचित तथा विधिविरुद्ध है क्योंकि एसोसियेट प्रोफ़ेसर पद हेतु न्युनतम अर्हता में 08 वर्ष तक असिस्टेंट प्रोफ़ेसर या समकक्ष पद पर अनुभव आवश्यक है. वर्तमान में असिस्टंट प्रोफ़ेसर का पे-स्केल रु० 57800/- प्रतिमाह है तथा इन्हें शुरू की नौकरी में ही लगभग रु० 75000/- प्रतिमाह की धनराशि प्राप्त हो जाती है, जो एक-दो वर्ष बाद काफी बढ़ जाती है. अतः स्वयं इनकी अकेले की वार्षिक आय रु० 8 लाख से अधिक होती है. प्रोफ़ेसर पद के लिए एसोसियेट प्रोफ़ेसर से अधिक अनुभव की आवश्यकता है और इस प्रकार इस पद के लिए भी ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी नहीं मिल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इन्ही कारणों से तमाम अभ्यर्थी फर्जी ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवा कर आवेदन कर रहे हैं जैसा सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय में विगत दिनों देखने को मिला. अतः उन्होंने एसोसियेट प्रोफ़ेसर तथा प्रोफ़ेसर की नियुक्ति में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को तत्काल समाप्त करने की मांग की.
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…