मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद भी नहीं रूक रहा भ्रष्टाचार….!

मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद भी नहीं रूक रहा भ्रष्टाचार….!

मानकों के विपरीत कराया जा रहा है पंचायत भवनों का निर्माण…

मलिहाबाद (लखनऊ)। सचिवों के लिये मनरेगा योजना बना भ्रष्टाचार का मुख्य हथियार ? दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करने से कतराते नजर आ रहे हैं अधिकारी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाख कोशिशों के बावजूद भी भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। गांवों के कार्यों में ब्लाक स्तरीय कर्मचारी इतना भ्रष्टाचार करने मे जुटे हैं उन्हे न तो किसी जान की चिन्ता है और न ही उच्चाधिकारियों का डर। ग्राम पंचायत के कार्याें में भ्रष्टाचार पर ब्लाक के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
भ्रष्टाचार का ताजा मामाला विकास खण्ड काकोरी की ग्राम पंचायत सैफलपुर का है, जहां मनरेगा योजना से वित्तीय वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत करीब 17 लाख रूपयों की लागत से पंचायत भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो अभी भी निर्माणाधीन है। इस पंचायत भवन में पूर्व प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव कायम सिंह ने घटिया सामग्री का प्रयोग करने के साथ मानक विहीन छत डलवाई। मानक है कि छत 4 इंच डलवायी जायेगी, जबकि सचिव ने इस पंचायत भवन मे ढाई से पौने तीन इंच की ही छत डलवाई जिससे छत कई जगहों पर लप खा गयी है। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इस पंचायत भवन के निर्माण के समय ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। लेकिन ब्लाक के अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया था। इतना ही नहीं पंचायत भवन के निर्माण में घटिया ईंट का प्रयोग करने के साथ-साथ घटिया सामग्री का भी प्रयोग किया गया है।
एक ऐसा ही मामला विकास खण्ड मलिहाबाद की ग्राम पंचायत रसूलपुर में आया था, जहां खबर छपने के बाद अधिकारियों ने पंचायत भवन का स्थलीय निरीक्षण कर मानकविहीन छत पाकर 31 मई को छत गिरवा दी थी और सचिव को निर्देशित किया था कि मानक के अनुसार छत डलवायें। इतना सब कुछ होने के बाद भी अधिकारियों व कर्मचारियों मे कोई डर नहीं पैदा हुआ। ग्राम पंचायतों में सचिव लगातार भ्रष्टाचार करने में जुटे हैं और तो और इन भ्रष्टाचारी सचिवों व ब्लाक के कर्मचारियों को उच्चाधिकारी लगातार बचाने में जुटे रहते हैं।
इस सम्बन्ध मे जब सहायक विकास अधिकारी (काकोरी) से बात की गयी तो उन्होने लिखिल शिकायत मिलने का बात कहकर फोन काट दिया जबकि खण्ड विकास अधिकारी काकोरी विनायक सिंहका जवाब था कि घटना की जानकारी उनके संज्ञान में नही है। पंचायत भवन के निर्माण कार्य की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी।

पत्रकार अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट, , ,