लॉक डाउन में रुक गयी होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की जिंदगी…
लखनऊ:- साल 2020 में आयी कोरोना महामारी ने होटल इंडस्ट्री की पूरी तरह से कमर तोड़ दी। लखनऊ जैसे शहर में दूर दराज से काम की तलाश में आये लोगों ने अपनी जमा पूंजी का निवेश कर होटल लीज पर ले कर अपने व्यवसाय को स्थापित करने का प्रयास किया और वो ही उनकी आय का एकमात्र जरिया बना।महामारी के कारण व्यवसाय में 2020 में हुए नुकसान की वज़ह से जो व्यवसाय हुआ उसका लगभग 70% हिस्सा बिल्डिंग के किराए के तौर पे होटल मालिक को दे दिया , बचे 25% प्रतिशत बिजली का बिल और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान,बिल्डिंग मेंटिनेंस व कर्मचारियों के खाने पीने में हुआ व्यय,बचे लगभग 5% हिस्से से वह अपना व परिवार का जीवन यापन कर रहा था,ऐसे में इस कोरोना बीमारी की वजह से इन व्यवसासियों के ऊपर दुखो का पहाड़ सा टूट पड़ा ये डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे है, सिर्फ यह सोच कर की कमाई कुछ हुई नही बिल्डिंग का किराया कैसे दे ,जो कर्मचारी थे उनकी पगार कैसे दे,बिजली का फिक्स चार्ज कैसे दे ।
ये समस्या सिर्फ इन व्यवसाइयों की नही है इनसे जुड़े हजारों कर्मचारियों की है क्या अब वे आगे काम पर बुलाये जाएंगे अब उनका परिवार कैसे चलेगा क्या सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग मिलेगा आगे कैसा होगा उनका भविष्य।
अगर सरकार ने इनके बारे में ना सोचा तो इस इंडस्ट्री से जुड़े करोड़ो लोग बेरोजगार हो जाएंगे और उनके पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नही बचेगा ।
कोरोना से तो बेचारे बच गए लेकिन भूख से कौन बचाएगा
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…