पिता की मौत के बाद बेटे ने लगाई सीएम से गुहार…

पिता की मौत के बाद बेटे ने लगाई सीएम से गुहार…

कार्रवाई के बजाये समझौते का दबाव… यह है पीडि़तों की दशा?

इंदौर,17 मई । खजराना क्षेत्र के सिद्धि विनायक हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा इलाज के नाम पर वसूली गई बेतहाशा राशि को लेकर जिस युवक ने नौ मई को खजराना थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत की थी उसके पिता का आखिरकार गत दिवस निधन हो गया। सांवेर निवासी हिमांशु का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने दस दिनों में सात लाख रुपये से ज्यादा की राशि इलाज के नाम पर वसूली और आखिर में क्रिटिकल केस कहकर और रुपए खर्च होने की बात कही। लाचार हिमांशु ने मजबूरन पिता नरेंद्र जोशी को सिद्धि विनायक हास्पिटल से डिसचार्ज करवाकर अरबिंदो में भर्ती करवाया गया जहां उपचार के दौरान उसके पिता की मृत्यु हो गई। हिमांशु द्वारा खजराना थाने में की गई शिकायत के अनुसार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उसने अपने पिता को सिद्धि विनायक अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती करवाया था। डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की कमी बताई तो वह खुद बाहर से ऑक्सीजन कंसट्रेटर लेकर आया। इतना ही नहीं रेमडेसिविर की व्यवस्था भी बाहर से खुद परिजन ने ही करवाकर अस्पताल को दी। पिता का बेहतर इलाज हो इसके लिए अस्पताल के डॉक्टर्स के अलावा परिजन ने अपने खर्च पर बाहर से डॉक्टर की विजिट भी करवाई। इसे बावजूद अस्पताल ने सात लाख रुपए से ज्यादा की राशि वसूल ली। हिमांशु के मुताबिक थाने में शिकायत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने समझौते कर दबाव बनाने की कोशिश भी की। हिमांशु की तरफ से थाना प्रभारी के नाम एक समझौता चिठ्ठी तक बनवा ली जिस पर गत रात को दस्तखत के लिए दबाव तक बनाया गया। हालांकि इस पर हिमांशु ने दस्तखत से साफ मना कर दिया। हिमांशु ने कहा कि पिता की अंत्येष्टि के बाद वह मुख्यमंत्री को अपनी शिकायत भेजेगी। जिला प्रशासन ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए गाइड लाइन जारी कर जो रेट तय किए हैं उसका पालन कई अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें प्रशासन को पहले भी हो चुकी है जिसमें मरीज के परिजन को वसूली गई ज्यादा राशि वापस दिलवाई गई है लेकिन इस मामले में न तो प्रशासन और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई इनिशिएटिव लिया। खजराना टीआई दिनेश वर्मा ने कहा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सात लाख रुपए से ज्यादा की राशि वसूलने की शिकायत मिली है। आगे की कार्रवाई क लिए एक सप्ताह पहले ही सीएमएचओ को प्रकरण बनाकर भेजा है। यहां से अनियमिता की पुष्टि की रिपोर्ट मिलते ही एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। सीएमएचओ वीएस सेतिया ने कहा- इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल जाकर दस्तावेज जांचेगी। गड़बड़ी मिलने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को भी एफआईआर का प्रतिवेदन भेजेंगे। अस्पताल प्रबंधक सत्येंद्रसिंह ने इस मामले में कहा है कि पेशेंट और उनके परिजन तो ऐसा बोलते ही रहते हैं। फिर भी मैं इस मामले को दिखवाता हूं। शिकायत सही है तो समस्या का निराकरण करेंगे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…