प्रदेश के रायसेन में सागौन के पेड़ काटने पर लगाया आर्थिक दंड…
रायसेन 29 अप्रैल। ऑक्सीजन के लिए देश में मची मारामारी ने लगता है इंसान को अब पेड़ों का महत्व अच्छी तरह समझा दिया है। यह बात इस मामले से समझी जा सकती है कि मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में वन विभाग ने सागौन के 11 पेड़ काटनेवाले आरोपितों पर पांच करोड़ 72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की इस बड़ी रकम का आधार महानिदेशक भारतीय काउंसिल वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद देहरादून (आइसीएफआरई) की उस रिपोर्ट को बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक पेड़ की औसत उम्र 50 वर्ष मानते हुए एक पेड़ का मूल्यांकन 52 लाख 400 रुपये किया गया है। इस आधार पर 11 पेड़ काटने का कुल जुर्माना पांच करोड़ 72 लाख 4400 रुपये लगाया गया है। रायसेन जिले के बम्होरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम करतौली निवासी आरोपित चेतराम यादव व अन्य दो लोगां पर आरोप है कि उन्होंने 14 जून 2020 को वन परिक्षेत्र में घुसकर सागौन के 11 पेड़ काटे थे। वन अमले ने मौके पर जाकर पेड़ काटने के साक्ष्य जुटाये हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया था। वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार पलेचा ने आइसीएफआई के मूल्यांकन के आधार पर इन पेड़ों की कीमत पांच करोड़ 72 लाख 4400 रुपये आंकी। आरोपितों को पेड़ों का महत्व बताने के लिए उनपरयह भारी जुर्माना ठोका गया है। वन परिक्षत्र बमहोरी में बीते छह माह में पेड़ कटाई के ऐसे 25 मामले सामने आए हैं। ऐसे मामलों में प्रकरण न्यायालय प्रथम श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है। न्यायालय का फैसला मान्य होता है। मिल जाती है जमानत – बीते दिनों रायसेन के बैलगांव निवासी छोटेलाल आदिवासी पर दो पेड़ काटने के दंड स्वरूप वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र पलेचा ने एक करोड़ 21 लाख रुपये मूल्यांकन करते हुए जुर्माना लगाया था। यह प्रकरण प्रथम श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बरेली के समक्ष पेश किया गया था। यहां से आरोपित को जमानत मिल गई थी। जिले के बेगमगंज के अपर लोक अभियोजक बद्री विशाल गुप्ता ने बताया कि इंडियन फारेस्ट एक्ट 1927 की धारा 25ई के मुताबिक पेड़ काटने पर अधिकतम 500 रुपये जुर्माना या छह माह की सजा का प्राविधान है। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन हो तो वन विभाग के रेंजर जुर्माना नहीं लगा सकते। एक पेड़ के इतने लाभ – आइसीएफआरई ने एक पेड़ की औसत उम्र दस वर्ष मानते हुए तय किया है कि एक पेड़ का मूल्य 52 लाख 400 रुपये होना चाहिए क्योंकि – एक पेड़ अपने पूरे जीवनकाल में 11 लाख 97 हजार 500 रुपये मूल्य की ऑक्सीजन देता है, 23 लाख 68 हजार 400 रुपये मूल्य का वायु प्रदूषण नियंत्रित करता है। रुपये 11,97,500 मूल्य के बराबर भू-क्षरण रोकने व उर्वरा शक्ति बढ़ाने का योगदान देता है। रुपये चार लाख 37 हजार मूल्य के बराबर बारिश के पानी का संचायन, मिट्टी का कटाव रोकने तथा जल रिसाइकल करने जैसे लाभ देता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…