थानाध्यक्ष के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत…

थानाध्यक्ष के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत…

केस दर्ज करने का आदेश…

नई दिल्ली। अदालत ने 2018 में दर्ज एक मामले में द्वारका थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर कई झूठे आरोप लगाए गए।

द्वारका स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सोनू अग्निहोत्री की अदालत ने आदेश दिया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। अदालत ने कहा कि 30 अगस्त 2018 को शिकायतकर्ता द्वारा दाखिल शिकायत पर मामला दर्ज किया जाए। अदालत ने कहा कि यह आदेश सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत दाखिल शिकायतपत्र पर दिया गया है। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा 20 अक्तूबर 2015 को शिकायत की गई थी। लेकिन संबंधित थानाध्यक्ष ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया। उलटा अपने पद का दुरुपयोग किया।

अदालत एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी द्वारा लोक सेवक और अन्य लोगों के खिलाफ दायर शिकायत पर सुनवाई कर रही है। शिकायतकर्ता का कहना था कि उसने अनधिकृत भवन निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई, क्योंकि इसकी निर्माण सामग्री सड़क पर फैली थी। इससे शिकायतकर्ता का रास्ता रुक गया था। लेकिन पुलिस ने मार्ग अवरुद्ध करने वाले की बजाय उलटा शिकायतकर्ता के खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता करने वाले सेवानिवृत सेना के अधिकारी को उसकी जाति के आधार पर भी उत्पीड़ित किया गया।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…